न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 18 Aug 2020 12:14 AM IST
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय रखे जाने को मंजूरी दे दी है। सोमवार रात जारी अधिसूचना के मुताबिक, पिछले महीने कैबिनेट की मंजूरी के बाद नई शिक्षा नीति के मसौदे में कुछ अहम बदलाव के तहत यह नाम बदला गया है। नई शिक्षा नीति अगले साल से प्रभावी हो जाएगी। प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान 1985 में शिक्षा मंत्रालय का नाम एचआरडी मंत्रालय किया गया था। पीवी नरसिंह राव पहले एचआरडी मंत्री बने थे।
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने का निर्णय लिया था। के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले साल मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नई शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था। नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई अहम बदलाव किए गए हैं।। मंत्रालय ने इस मसौदे पर लोगों को अपना सुझाव देने के लिए कहा था। इस मसौदे पर दो लाख से अधिक सुझाव मिले थे।
34 साल बाद देश में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन में इस नई नीति की तारीफ की थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय रखे जाने को मंजूरी दे दी है। सोमवार रात जारी अधिसूचना के मुताबिक, पिछले महीने कैबिनेट की मंजूरी के बाद नई शिक्षा नीति के मसौदे में कुछ अहम बदलाव के तहत यह नाम बदला गया है। नई शिक्षा नीति अगले साल से प्रभावी हो जाएगी। प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान 1985 में शिक्षा मंत्रालय का नाम एचआरडी मंत्रालय किया गया था। पीवी नरसिंह राव पहले एचआरडी मंत्री बने थे।
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने का निर्णय लिया था। के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले साल मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नई शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था। नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई अहम बदलाव किए गए हैं।। मंत्रालय ने इस मसौदे पर लोगों को अपना सुझाव देने के लिए कहा था। इस मसौदे पर दो लाख से अधिक सुझाव मिले थे।
34 साल बाद देश में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन में इस नई नीति की तारीफ की थी।
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