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- 200 Children In Maharashtra’s Village Forced To Travel 50 Km Daily For Online Classes, Reach NCPCR For Internet Connectivity
7 घंटे पहले
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- चक्रवाती तूफान निसर्ग की वजह जून की शुरुआत से ही इंटरनेट संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे स्टूडेंट्स
- नेशनल कमीशन फॉर एक्शन चाइल्ड राइट्स ने स्टूडेंट्स को जल्द समाधान का दिया आश्वासन
कोरोना वायरस के कारण स्कूल-कॉलेज बंद होने की वजह से पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन क्लासेस का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन महाराष्ट्र के स्टूडेंट्स इन क्लासेस में हिस्सा लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, कोरोना के दौरान महाराष्ट्र में इंटरनेट कनेक्शन की दिक्कत के चलते रत्नागिरी जिले जैसे दूरस्थ तटीय गांवों के करीब 200 बच्चों को ऑनलाइन क्लास के लिए रोजाना 50 किलोमीटर की यात्रा करनी पढ़ रही है।
निसर्ग तूफान के कारण इंटरनेट में आ रही दिक्कत
पहले कोरोना महामारी और फिर चक्रवाती तूफान निसर्ग से प्रभावित दूरदराज के गांवों के बच्चों को जून की शुरुआत से ही इंटरनेट संबंधी इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शिक्षा में किसी भी तरह की रुकावट न हो, इसके लिए यहां स्टूडेंट्स एक लंबा सफर तय कर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। चक्रवाती तूफान को लगभग एक महीना गुजर चुका है, लेकिन एक महीने बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है। ऐसे में अपनी समस्या लेकर एक बच्चा आखिरकार मदद के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPR) के पास जा पहुंचा।
200 बच्चे करते हैं 50 किली सफर
शिकायत पर नेशनल कमीशन फॉर एक्शन चाइल्ड राइट्स ने बच्चों को आश्वासन दिया कि जल्द ही इलाके में कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान किया जाएगा। वहीं, जिला मजिस्ट्रेट को लिखे एक लेटर में कानूनगो ने जल्द से जल्द समाधान करने को कहा। उन्होंने लिखा कि जून को आए निसर्ग तूफान की वजह से इंटरनेट कनेक्टिविटी को हुए नुकसान के कारण लॉकडाउन में करीब 200 स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लासेस में हिस्सा नहीं ले पा रहे है।
जल्द समाधान का दिया आश्वासन
बेहतर इंटरनेट के लिए बच्चों को 50 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता है। ऐसे में उन्होंने मामले में रत्नागिरी के जिलाधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी से यह भी मांग की, कि संबंधित सेल्यूलर सेवा प्रदाता को उचित निर्देश जारी करते हुए जल्द से जल्द इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या को सॉल्व करें, ताकि किसी भी बच्चे को ऑनलाइन पढ़ाई में परेशानी ना हो।
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