नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 15 करोड़ के केरल सोना तस्करी मामले में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक एनआईए 20 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है और चार अन्य की उसे तलाश है। यह पूरा मामला केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के पते वाले डिप्लोमैटिक कार्गो से 30 किलो सोना मिलने से जुड़ा है। मामले की तहकीकात एनआईए के अलावा सीमा शुल्क विभाग और ईडी भी कर रहा है।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि जिन चार आरोपितों की आज गिरफ्तारी बताई जा रही है, इन सभी को एजेंसी ने सोमवार 24 अगस्त को गिरफ्तार किया था। इससे पहले गुुरुवार 20 अगस्त को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिनमें मल्लापुरम के मोहम्मद अनवर टीएम, हमजत अब्दू सलम, हमजद अली और कोझिकोड के समजू टीएम शामिल हैं। इनके बारे में सोमवार 3 अगस्त को गिरफ्तार जलाल एएम, मोहम्मद शफी ने पूछताछ में बताया था कि ये चारों तस्करी को अंजाम देने के लिए फंड जुटाते थे। जांच एजेंसी ने इन लोगों के आवासों सहित छह ठिकानों पर छापा मारकर वहां से डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त किए हैं।
एनआईए प्रवक्ता के अनुसार केरल के मलप्पुरम निवासी शराफुद्दीन उर्फ जलाल एएम (38) और राज्य के पलक्कड़ जिले के शफीक उर्फ शफी (31) सोने की तस्करी की साजिश में शामिल थे। तिरुवनंतपुरम स्थित यूएई के वाणिज्य दूतावास को संबोधित राजनयिक बैग इन्हीं दोनों ने उपलब्ध कराए थे। इसी कार्गो बैग के माध्यम से करीब 15 करोड़ की इस सोने की तस्करी को अंजाम दिया गया। यह जानकारी 3 अगस्त से पहले इस मामले में एनआईए को आरोपी रमीज केटी से हिरासत में पूछताछ के दौरान हुई थी। उन दोनों ने बताया कि उसकी तिरुवनंतपुरम में संदीप नायर से तस्करी का सोना एकत्रित करने और उसे अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के बीच वितरित करने में सह-साजिशकर्ताओं शराफुद्दीन और शफीक द्वारा सहायता की गई थी। उसके बाद ही शफीक और जलाल को गिरफ्तार किया गया।
एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक सोमवार को गिरफ्तार इस मामले के चार नए आरोपियों को एर्णाकुलम में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया गया। वहां से उन चारों को पूछताछ के लिए चार दिन की हिरासत में लिया गया है। इन सभी को गुरुवार को पुन: अदालत में पेश किया जाएगा। एनआईए का कहना है कि अब इस मामले में अब तक कुल 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। चार लोगों की अभी और तलाश है। उनके अलावा आशंका है कि सोने की तस्करी में सुरक्षा सेवा की मिलीभगत भी हो सकती है। मामले की जांच की जा रही है।