फतेहाबाद। गांव लहरियां के जगदीश चंद्र गर्ग हत्याकांड मामले में गिरफ्तार मनदीप उर्फ मोनू ने पुलिस रिमांड के दौरान चोरी की जगह लूटपाट करने की योजना बनाकर हमला करने का खुलासा किया है। पुलिस ने अब चोरी की जगह लूट की धारा मुकद्दमे में जोड़ दी है। हत्यारोपी मोनू पूनिया के घर से पुलिस ने सात सौ रुपये की नगदी, दुकान से तोड़कर ले जाया गया सीसीटीवी कैमरा व जगदीश चंद्र गर्ग का एक पहचान पत्र बरामद किया है। हत्यारोपी ने पुलिस रिमांड के दौरान बताया कि उसके हिस्से में बंटवारे के दौरान एक हजार रुपये आए थे, जिनमें से उसने तीन सौ रुपये खर्च कर दिए थे। पुलिस ने एक दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां उसे न्यायिक हिरासत हिसार जेल भेज दिया है।
गौरतलब यह है कि 25 अगस्त की रात्रि को गांव लहरियां के प्रमोद, मंदीप उर्फ मोनू, अंकित व योगेश उकलाना ने मिलकर लूटपाट करने के उद्देश्य से दुकानदार जगदीश चंद्र गर्ग की हत्या कर दी थी। प्रमोद को भनक लग गई थी कि सेठ जगदीश चंद्र के पास लाखों रुपये हैं। इसको लेकर उपरोक्त चारों ने 25 अगस्त की शाम को बस स्टैंड लहरियां में एक साथ बैठकर लूट की पूरी योजना बनाई थी। घटना से पहले उन्होंने भांग के पौधों से सुल्फा तैयार किया था। देर रात्रि को चारों दुकान से लाखों रुपये लूटने गए तो सेठ जगदीश की आंखें नींद से खुल गई। इनमें से सेठ ने तीन युवकों को पहचान लिया, इसलिए गांव में लूट को लेकर बदनामी के डर से प्रमोद ने लकड़ी का बरगा व मोनू पूनिया ने ईंटों से सिर पर हमला कर दिया। सेठ की मौत के बाद उन्होंने जेब से चाबी निकाली और दुकान का शटर खोलकर कैश बॉक्स में रखे हुए 4120 रुपये तथा कुछ सामान निकाल कर भाग गए थे। पुलिस ने चारों हमलावरों का मात्र कुछ घंटे बाद ही सुराग लगा लिया था, लेकिन इनमें मंदीप उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर पूरी वारदात का पटाक्षेप कर दिया।
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