अल्मोड़ा। 22 साल तक फर्जी डिग्री से शिक्षक की नौकरी करने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह आरोपित मुकदमा दर्ज होने बाद दो साल तक पुलिस को चकमा देता रहा।
जानकारी के मुताबिक 02 फरवरी, 2018 को राजस्व पुलिस क्षेत्र कूपी सल्ट में गीतिका जोशी उपशिक्षा अधिकारी द्वारा एक मुकदमा धारा 420/467/468 बनाम खवानी सिंह निवासी ग्राम औरंगाबाद उर्फ सिकंदरपुर थाना शिवाला कला, तहसील चांदपुर, जनपद बिजनौर (उत्तर प्रदेश) पंजीकृत किया गया था। इसकी जांच रेगुलर पुलिस को सौंपी गई। इसके बाद एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने 24 जून, 2020 को उक्त विवेचना थानाध्यक्ष सल्ट को सुपुर्द करते हुए गहन विवेचना के निर्देश एवं टीम गठित कर शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिये गये। पुलिस ने सीओ रानीखेत तपेश कुमार के पर्यवेक्षण में टीम गठित की। थानाध्यक्ष द्वारा विवेचना के दौरान पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त के मिलने के सभी सम्भावित स्थानों पर लगातार दिये जा रहे दबिश एवं सुरागरसी पतारसी के दौरान सूचना प्राप्त होने पर वर्ष 2018 से लगातार फरार चल रहे खवानी सिंह उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया।
थानाध्यक्ष सल्ट धीरेन्द्र कुमार पन्त ने बताया कि खवानी सिंह उपरोक्त के विरुद्व फर्जी दस्तावेज से शिक्षक के पद पर तैनानी के सम्बन्ध में एसआईटी के जांच के उपरान्त राजस्व पुलिस क्षेत्र कूपी सल्ट में अभियोग पंजीकृत हुआ था। उन्होंने बतया कि आरोपित शिक्षक को क्रोकोडाइल व्यू रामनगर रोड मरचूला से गिरफ्तार किया गया। आरोपित को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में धीरेन्द्र कुमार पंत थानाध्यक्ष थाना सल्ट, जीवन सिंह ग्वाल, वीरेंद्र सिंह, शम्भू सिंह व चालक नरेंद्र सिंह शामिल थे। उन्होंने बताया कि आरोपित शिक्षक खवानी सिंह ने वर्ष 1996 में फर्जी दस्तावेज बनाकर शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। इन 22 वर्षाें की सेवा उसने 3 विद्यालयों (प्राथमिक विद्यालय ठुकरा, प्राथमिक विद्यालय झारगांव एवं प्रधानाचार्य सिराली बुड़ाकोट सल्ट) में दी थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद वह वर्ष 2018 से फरार चल रहा था।
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