Jalandhar News In Hindi : The driver said – a lot changed in the lockdown, the policemen who took 20 to 50 rupees on the points fed, also put to sleep | ड्राइवर बोले- लॉकडाउन में बहुत कुछ बदला, नाकों पर 20-50 रुपए लेने वाले पुलिसकर्मियों ने खाना खिलाया और सुलाया भी

  • सबकुछ रुक गया था लेकिन ट्रक चलते रहे, लॉकडाउन में क्या देखा ट्रक ड्राइवरों ने बताया आंखों देखा हाल
  • हर सफर कुछ सिखाता है- सड़कें इतनी खाली कि 7 दिन का सफर 5 दिन में पूरा, सुनसान सड़कों पर डर लगा तो दिन में ड्राइवरी की

वारिस मलिक

Jun 23, 2020, 05:56 AM IST

जालंधर. जालंधर से करीब 100 किलोमीटर दूर जिला फिरोजपुर का गांव महीयां वाला कलां। इसे ट्रकों वाला गांव भी कहा जाता है। 800 घरों वाले इस गांव की 3000 आबादी है जबकि 720 से ज्यादा ट्रक रजिस्टर्ड हैं। यहां के ज्यादातर लोग ट्रकों के कारोबार और ड्राइविंग आदि से जुड़े हैं। गांव के युवा सरपंच करन बराड़ खुद कनाडा में ट्रक ट्रांसपोर्टर हैं।

खास बात ये है कि जब से देश में कोरोना महामारी आई और लॉकडाउन लगाया गया, तब भी इस गांव के ट्रक नेपाल, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अन्य राज्यों के लोगों को जरूरी सेवाएं मुहैया कराते रहे। पंजाब से खाद्य और अन्य सामग्री लेकर वे यूपी, उत्तराखंड, बिहार, बंगाल और दक्षिण भारत के राज्यों तक गए।

ट्रक चालकों ने बताया कि लॉकडाउन में देश की सबसे व्यस्त सड़कों पर सुनसान से डर का माहौल था, खाने की बेहद मुश्किलों के बाद अपने घरों तक का सफर तय किया। खुद भी सेफ रहे और लोगों को भी जरूरी सेवाएं मुहैया कराईं। 

सड़कें इतनी खाली कि 7 दिन का सफर 5 दिन में पूरा

ड्राइवर गुरजंट सिंह जंटा बताते हैं कि वे 25 साल से ड्राइवरी कर रहे हैं। पंजाब से बाहर यूपी, बंगाल, असम, ओडिसा, अरुणाचल सहित अन्य राज्यों में चक्कर लगाते हैं। लेकिन, जब से कोरोना महामारी आई है सड़कों पर ऐसा सन्नाटा इससे पहले कभी नहीं देखा था। व्यस्त रहने वाली सड़कें सुनसान थीं।

पहले रात को ड्राइवरी करते थे, लेकिन जब लॉकडाउन हुआ ताे दिन में करने लगे। रात को सेफ जगह पर रुक जाते थे। सफर की खास बात ये रही कि लॉकडाउन में बड़ा बदलाव पुलिस में देखने को मिला। नाकों पर 20 से 50 रुपए लेने वाले पुलिसकर्मियों ने खाना भी खिलाया और रहने को जगह भी दी।

दूसरे राज्य जहां जाने को पहले 6 से 7 दिन लगते थे, सड़कें खाली होने से 5 दिनों में सामान लेकर पहुंचते रहे। पहले ढाबों में खाना खाते थे, लेकिन जब से महामारी आई है तब से ट्रक में ही सिलेंडर और सारा राशन का सामान लेकर चलते हैं।  

जालंधर से नेपाल तक का सफर कियाः गुरजंट

गुरजंट बताते हैं कि मैं 13 साल से ड्राइवरी कर रहा हूं। जालंधर से नेपाल तक का सफर किया है। पहले कई राज्यों में निकलते समय पुलिस को नाकों पर पैसे देने पड़ते थे लेकिन लॉकडाउन के समय पुलिस ने परेशान करना बंद कर दिया। पैसों की जगह सिर्फ बुखार चेक करते थे। पहले नेपाल के लिए 20 दिन लगते थे लेकिन लॉकडाउन में यह सफर 12 दिनों में पूरा होता रहा। 

52 परिवार कनाडा के एक ही टाउन में सैटल

सरपंच करण बराड़ बताते है कि गांव में ट्रकों की देन भगत बाबा दूनी चंद की है। जब भी कोई नया ट्रक लेता है, वह बाबा दूनी चंद जी की जगह पर माथा टेकता है। गांव में पहला ट्रक 1964 में खरीदा था। हर साल बाबा जी की बरसी पर 800 अखंड पाठ के भोग व गेम्स कराई जाती है।

कैश अवाॅर्ड सहित 14 लाख का बजट होता है। 14 फरवरी को अखंड पाठ साहिब से इसकी शुरुआत होती है। गांव की 52 फैमिली कनाडा के एक टाउन में रहती हैं इसलिए वहां भी गांव जैसा ही माहौल होता है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Bank Robbery In Patna Criminals Robbed 52 Lakh Rupees From Pnb Patna Anisabad Branch - पटना : पीएनबी के कर्मियों को बंधक बनाकर 52 लाख की लूट, जांच के लिए एसआईटी गठित

Tue Jun 23 , 2020
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Updated Mon, 22 Jun 2020 11:11 PM IST पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर Free मेंकहीं भी, कभी भी। 70 वर्षों से करोड़ों पाठकों की पसंद ख़बर सुनें ख़बर सुनें पटना के अनीसाबाद के स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से सोमवार की दोपहर करीब 3:25 बजे […]

You May Like