न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 10 Sep 2020 12:05 PM IST
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भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच आज राफेल लड़ाकू विमान औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल हो गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पांच राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने के उपलक्ष्य में रखे गए समारोह के जरिए पूर्वी लद्दाख में चीन की आक्रमकता पर उसे एक कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा भारत की बड़ी प्राथमिकता है और वह अपने क्षेत्र को संरक्षित रखने के लिए दृढ़ संकल्प है।
सिंह ने कहा कि भारत की सीमा के आस-पास बन रहे माहौल को देखते हुए राफेल विमानों का भारतीय वायु सेना में शामिल होना अहम है। राफेल विमानों को वायु सेना में औपचारिक तौर पर शामिल किए जाने के समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, यह पूरी दुनिया, खासकर जो भारत की संप्रभुता पर नजर रखे हुए हैं, उनके लिए एक कड़ा संदेश है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की जिम्मेदारी उसकी क्षेत्रीय सीमा तक सीमित नहीं हैं और वह हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ये दोनों क्षेत्र वे हैं जहां चीन अपनी सैन्य आक्रामकता बढ़ा रहा है।
रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में बढ़ते तनाव का स्पष्ट तौर पर संदर्भ देते हुए कहा, हाल के दिनों में हमारी सीमाओं पर बन रहे वातावरण के लिए इस प्रकार का समावेशन (राफेल शामिल करना) बहुत जरूरी है। सिंह ने एलएसी के पास हालिया दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दौरान त्वरित कार्रवाई करने के लिए भारतीय वायु सेना की सराहना भी की।
उन्होंने कहा, जिस गति से वायु सेना ने अग्रिम चौकियों पर हथियारों की तैनाती की उससे आत्मविश्वास बढ़ता है। हमारी सीमा पर बन रही स्थिति जहां हमारा ध्यान खींचती है, वहीं हमें आतंकवाद के खतरे को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पढ़ें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन की मुख्य बातें:-
आज, राफेल इंडक्शन सेरेमनी में, सर्वप्रथम मैं फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ली का, अपनी और देशवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूं। इस कार्यक्रम में आपकी मौजूदगी वर्षों से चली आ रही हमारी मजबूत रक्षा साझेदारी को दर्शाती है।
वायुसेना में राफेल का शामिल होना, एक महत्त्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक क्षण है और हम सब देशवासियों के लिए इस एतिहासिक पल का गवाह बनना, गौरव का विषय है | इस अवसर पर मैं, हमारे सशस्त्र बलों समेत, समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
राफेल का वायुसेना के बेड़े में शामिल होना भारत और फ्रांस के बीच के प्रगाढ़ संबंधो को दर्शाता है। भारत और फ्रांस लंबे समय से आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदार रहे हैं। मजबूत लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था और संपूर्ण विश्व में शांति की कामना, हमारे आपसी संबंधो के आधार हैं।
भारत और फ्रांस के बीच एक विशेष रणनीतिक साझेदारी है जो समय के साथ लगातार मजबूत हो रही है। भारत की स्वाधीनता के बाद, हमारे देश और फ्रांस के बीच जीवंत रक्षा सहयोग विकसित हुआ है।
आपसी रक्षा सहयोग से हमारी वायुसेना ने फ्रांसीसी लड़ाकू विमान से अपने आपको न सिर्फ लैस किया है बल्कि अनेक अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम भी दिया है| 1965 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी विजय इस बात का गवाह है। एक बार फिर, वायुसेना ने 1999 में, कारगिल में भी यह इतिहास दोहराया।
मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारी वायुसेना ने, राफेल के साथ जो क्षमता और तकनीकी बढ़त हासिल की है, वे वायुसेना की क्षमताओं को बढाएंगी।
राफेल का वायुसेना में शामिल होना पूरी दुनिया, खासकर हमारी संप्रभुता की ओर उठी निगाहों के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है। हमारी सीमाओं पर जिस तरह का माहौल हाल के दिनों में बना है, या मैं सीधा कहूं कि बनाया गया है, उनके लिहाज से यह इंडक्शन बहुत अहम है।
हम यह अच्छी तरह समझते हैं कि बदलते समय के साथ हमें स्वयं को भी तैयार करना होगा। मुझे यह कहते हुए गर्व होता है, कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की बड़ी प्राथमिकता रही है।
हमारी जिम्मेदारियां केवल अपनी क्षेत्रीय सीमाओं तक ही सीमित नहीं हैं, हम भारत-प्रशांत क्षेत्र और हिंद महासागर क्षेत्र में भी लगातार एक जिम्मेदार देश के रूप में विश्व शांति और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ परस्पर सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस क्षेत्र की सुरक्षा चिंताओं में, भारत और फ्रांस का दृष्टिकोण एक हैं। जिसके तहत हम समुद्री यातायात सुरक्षा और समुद्री डकैती जैसे आम चुनौतियों से निपटने में एक दूसरे को सहयोग कर रहे हैं।
रक्षा सहयोग में कई अन्य क्षेत्रों में भी, फ्रांस के साथ हमारी मजबूत भागीदारी रही है। मझगांव डॉक्स में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत 6 स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की इमारत पर काम चल रहा है।
इसमें पहली पनडुब्बी, आईएनएस कलवरी की 2017 में कमीशनिंग हो गई है। पारस्परिक तार्किक समर्थन के संबंध में समझौता, हमारी अंतर और संयुक्त बल सहयोग को बढ़ाने के हमारे संकल्प को दर्शाता है।
सामरिक-साझेदारी मॉडल के तहत रक्षा उपकरण का विनिर्माण, स्वचालित मार्ग के द्वारा 74 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में दो रक्षा गलियारों की स्थापना, ऑफसेट सुधार इस दिशा में उठाए गए बड़े कदम हैं।
मैं आज यहां भारतीय वायु सेना के सहयोगियों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने सीमा पर हाल में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दौरान एलएसी के पास जिस तेजी से और सूझ-बूझ से कार्रवाई की। वह आपकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारतीय वायुसेना ने फॉरवर्ड बेस पर जिस तेजी से अपनी संपत्तियों को तैनात किया, वह एक भरोसा पैदा करता है कि हमारे वायुसेना अपने परिचालन कार्यों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
मैं ऐतिहासिक 17 स्क्वाड्रन को विशेष बधाई देना चाहूंगा। भारतीय पराक्रम के इतिहास में आपका नाम चमकीले अक्षरों में दर्ज है। राफेल का इंडक्शन, ‘गोल्डन ऐरोज’ को नई चमक देगा। आप सभी ‘राफेल’, यानि तूफान की तरह गतिशील रहकर देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करते रहें।
भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच आज राफेल लड़ाकू विमान औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल हो गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पांच राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने के उपलक्ष्य में रखे गए समारोह के जरिए पूर्वी लद्दाख में चीन की आक्रमकता पर उसे एक कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा भारत की बड़ी प्राथमिकता है और वह अपने क्षेत्र को संरक्षित रखने के लिए दृढ़ संकल्प है।
सिंह ने कहा कि भारत की सीमा के आस-पास बन रहे माहौल को देखते हुए राफेल विमानों का भारतीय वायु सेना में शामिल होना अहम है। राफेल विमानों को वायु सेना में औपचारिक तौर पर शामिल किए जाने के समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, यह पूरी दुनिया, खासकर जो भारत की संप्रभुता पर नजर रखे हुए हैं, उनके लिए एक कड़ा संदेश है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की जिम्मेदारी उसकी क्षेत्रीय सीमा तक सीमित नहीं हैं और वह हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ये दोनों क्षेत्र वे हैं जहां चीन अपनी सैन्य आक्रामकता बढ़ा रहा है।
रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में बढ़ते तनाव का स्पष्ट तौर पर संदर्भ देते हुए कहा, हाल के दिनों में हमारी सीमाओं पर बन रहे वातावरण के लिए इस प्रकार का समावेशन (राफेल शामिल करना) बहुत जरूरी है। सिंह ने एलएसी के पास हालिया दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दौरान त्वरित कार्रवाई करने के लिए भारतीय वायु सेना की सराहना भी की।
उन्होंने कहा, जिस गति से वायु सेना ने अग्रिम चौकियों पर हथियारों की तैनाती की उससे आत्मविश्वास बढ़ता है। हमारी सीमा पर बन रही स्थिति जहां हमारा ध्यान खींचती है, वहीं हमें आतंकवाद के खतरे को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पढ़ें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन की मुख्य बातें:-
आज, राफेल इंडक्शन सेरेमनी में, सर्वप्रथम मैं फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ली का, अपनी और देशवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूं। इस कार्यक्रम में आपकी मौजूदगी वर्षों से चली आ रही हमारी मजबूत रक्षा साझेदारी को दर्शाती है।
वायुसेना में राफेल का शामिल होना, एक महत्त्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक क्षण है और हम सब देशवासियों के लिए इस एतिहासिक पल का गवाह बनना, गौरव का विषय है | इस अवसर पर मैं, हमारे सशस्त्र बलों समेत, समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
राफेल का वायुसेना के बेड़े में शामिल होना भारत और फ्रांस के बीच के प्रगाढ़ संबंधो को दर्शाता है। भारत और फ्रांस लंबे समय से आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदार रहे हैं। मजबूत लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था और संपूर्ण विश्व में शांति की कामना, हमारे आपसी संबंधो के आधार हैं।
भारत और फ्रांस के बीच एक विशेष रणनीतिक साझेदारी है जो समय के साथ लगातार मजबूत हो रही है। भारत की स्वाधीनता के बाद, हमारे देश और फ्रांस के बीच जीवंत रक्षा सहयोग विकसित हुआ है।
आपसी रक्षा सहयोग से हमारी वायुसेना ने फ्रांसीसी लड़ाकू विमान से अपने आपको न सिर्फ लैस किया है बल्कि अनेक अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम भी दिया है| 1965 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी विजय इस बात का गवाह है। एक बार फिर, वायुसेना ने 1999 में, कारगिल में भी यह इतिहास दोहराया।
मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारी वायुसेना ने, राफेल के साथ जो क्षमता और तकनीकी बढ़त हासिल की है, वे वायुसेना की क्षमताओं को बढाएंगी।
राफेल का वायुसेना में शामिल होना पूरी दुनिया, खासकर हमारी संप्रभुता की ओर उठी निगाहों के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है। हमारी सीमाओं पर जिस तरह का माहौल हाल के दिनों में बना है, या मैं सीधा कहूं कि बनाया गया है, उनके लिहाज से यह इंडक्शन बहुत अहम है।
हम यह अच्छी तरह समझते हैं कि बदलते समय के साथ हमें स्वयं को भी तैयार करना होगा। मुझे यह कहते हुए गर्व होता है, कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की बड़ी प्राथमिकता रही है।
हमारी जिम्मेदारियां केवल अपनी क्षेत्रीय सीमाओं तक ही सीमित नहीं हैं, हम भारत-प्रशांत क्षेत्र और हिंद महासागर क्षेत्र में भी लगातार एक जिम्मेदार देश के रूप में विश्व शांति और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ परस्पर सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस क्षेत्र की सुरक्षा चिंताओं में, भारत और फ्रांस का दृष्टिकोण एक हैं। जिसके तहत हम समुद्री यातायात सुरक्षा और समुद्री डकैती जैसे आम चुनौतियों से निपटने में एक दूसरे को सहयोग कर रहे हैं।
रक्षा सहयोग में कई अन्य क्षेत्रों में भी, फ्रांस के साथ हमारी मजबूत भागीदारी रही है। मझगांव डॉक्स में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत 6 स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की इमारत पर काम चल रहा है।
इसमें पहली पनडुब्बी, आईएनएस कलवरी की 2017 में कमीशनिंग हो गई है। पारस्परिक तार्किक समर्थन के संबंध में समझौता, हमारी अंतर और संयुक्त बल सहयोग को बढ़ाने के हमारे संकल्प को दर्शाता है।
सामरिक-साझेदारी मॉडल के तहत रक्षा उपकरण का विनिर्माण, स्वचालित मार्ग के द्वारा 74 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में दो रक्षा गलियारों की स्थापना, ऑफसेट सुधार इस दिशा में उठाए गए बड़े कदम हैं।
मैं आज यहां भारतीय वायु सेना के सहयोगियों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने सीमा पर हाल में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दौरान एलएसी के पास जिस तेजी से और सूझ-बूझ से कार्रवाई की। वह आपकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारतीय वायुसेना ने फॉरवर्ड बेस पर जिस तेजी से अपनी संपत्तियों को तैनात किया, वह एक भरोसा पैदा करता है कि हमारे वायुसेना अपने परिचालन कार्यों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
मैं ऐतिहासिक 17 स्क्वाड्रन को विशेष बधाई देना चाहूंगा। भारतीय पराक्रम के इतिहास में आपका नाम चमकीले अक्षरों में दर्ज है। राफेल का इंडक्शन, ‘गोल्डन ऐरोज’ को नई चमक देगा। आप सभी ‘राफेल’, यानि तूफान की तरह गतिशील रहकर देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करते रहें।
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Thu, 10 Sep 2020 11:45 AM IST राज्यसभा सांसद हरिवंश प्रसाद सिंह और मनोज झा – फोटो : सोशल मीडिया पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹365 & To get 20% off, use code: 20OFF ख़बर सुनें ख़बर […]