पटना2 घंटे पहले
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- बरामद लैपटाॅप व डेस्कटाॅप की काेलकाता में हाेगी फाेरेंसिक जांच
बेकरी दुकान की आड़ में ई-टिकट का धंधा करने वाला कासिफ जाकिर एक साथ 35 फर्जी आईडी से टिकट बनाता था। यानी, एक मिनट में कम से कम 20 और ज्यादा से ज्यादा 25 टिकट बना लेता था। वह तत्काल टिकट ज्यादा बनाता था। रीयल मैंगाे, तत्काल प्राे, रेड मिर्ची, एएनएमएस, वाेल्टी समेत दर्जनभर साॅफ्टवेयर से वह आईआरसीटीसी की साइट से टिकट बनाता था। यह साॅफ्टवेयर वह ऑनलाइन मंगवाता था।
साॅफ्टवेयर की कीमत दाे घंटे के लिए 30 रुपए, तीन दिन के लिए 250 रुपए है। इसी तरह एक माह से लेकर छह माह के पैकेज का रेट अलग-अलग है। यह शातिर इंटरनेट व्याॅस से बात कर ये साॅफ्टवेयर मंगवाता है। पूछताछ के बाद रेल पुलिस ने कासिफ काे जेल भेज दिया। बुधवार काे आलमगंज के अग्रवाल टाेला स्थित कासिफ के घर पर पटना जंक्शन रेल पाेस्ट प्रभारी विनाेद कुमार सिंह ने छापेमारी की थी।
पुलिस ने वहां से 22 लाख 4 हजार 205 रुपए के 941 ई-टिकट बरामद किए थे। साथ ही एक लैपटाॅप, एक डेस्कटाॅप, एक सीपीयू के अलावा उसके पास से तीन माेबाइल जब्त किए थे। लैपटाॅप, डेस्कटाॅप व माेबाइल के फाेरेंसिक जांच के लिए काेलकाता भेजा जाएगा। रेल पुलिस की एक टीम इसे शुक्रवार काे लेकर काेलकाता के लिए रवाना हाेगी।
कई नाम बताए, आरपीएफ कर रही छापेमारी
दानापुर रेलमंडल के कमांडेंट एसकेएस राठाैर ने भी कासिफ से पूछताछ की। कासिफ ने रेल पुलिस काे कुछ दलालाें व एजेंटाें के नाम बताए हैं। पुलिस ने इन एजेंटाें के ठिकानाें पर छापेमारी भी की, पर सभी फरार पाए गए। इनके माेबाइल भी बंद हाे गए हैं। सूत्राें के अनुसार, पटना व आसपास तीन-चार इस तरह के बड़े एजेंट हैं, जाे इस तरह के गाेरखधंधे काे बड़े पैमाने पर ऑपरेट कर रहे हैं। पुलिस इन सबाें का सुराग लगाने में जुटी है।
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