चिराग पासवान (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई
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सार
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अपने बिहार के नेताओं के साथ सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करेगी। इस बैठक में तय किया जाएगा कि आगामी राज्य विधानसभा चुनाव जद(यू) के खिलाफ लड़ा जाए या नहीं। हाल के समय में बिहार में सत्ताधारी एनडीए के दोनों घटक दलों में रिश्ते बिगड़े हैं।
विस्तार
नीतीश को लिखे एक पत्र में उन्होंने उन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से पूर्व में किए गए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया। इन वादों में उन्हें तीन डिसमिल जमीन दिए जाने का भी जिक्र था। उन्होंने कहा, नीतीश सरकार अगर गंभीर थी तो समुदाय के उन सभी लोगों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए थी, जो उनके 15 साल के शासन के दौरान मारे गए।
राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा और नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जनता दल (यूनाइटेड) बीते कुछ महीनों से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। नीतीश के पूर्व मुख्यमंत्री और दलित नेता जीतन राम मांझी से हाथ मिलाने के बाद दोनों दलों के रिश्तों में खटास और बढ़ गई है। मांझी लोजपा पर निशाना साधते रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की पार्टी की कमान अब उनके बेटे चिराग पासवान संभाल रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि पार्टी के पास एक विकल्प यह है कि वह केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बनी रहे लेकिन राज्य में उससे अलग होकर चुनाव लड़े जबकि भगवा दल के खिलाफ उम्मीदवार न उतारे।
लोजपा फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा के चुनावों में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। जबकि, दोनों क्षेत्रीय दल केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का हिस्सा थे। लोजपा ने कांग्रेस से अपना गठबंधन बरकरार रखते हुए एनडीए के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम पार्टी नेता एनडीए के तीनों घटकों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर जोर दे रहे हैं। लेकिन, सूत्रों ने कहा कि असहजता का भाव आ रहा है क्योंकि नीतीश कुमार एनडीए नेताओं को अपने पाले में करने की कोशिश करके और मांझी से गठजोड़ कर अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं।
जद (यू) ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह लोजपा के साथ सीटों की साझेदारी को लेकर कोई बात नहीं करेगी क्योंकि उसके संबंध परंपरागत रूप से भाजपा के साथ हैं। वहीं, नीतीश पर निशाना साधने के दौरान चिराग पासवान भाजपा पर निशाना साधने से बचते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी करते हैं।
निर्वाचन आयोग के जल्द ही बिहार विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद है। प्रदेश में विधानसभा की 243 सीटों पर अक्तूबर-नवंबर में चुनाव होने की उम्मीद है।