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पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की बातचीत होने की संभावना है। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच पांच सूत्री समझौते के कुछ प्रावधानों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया ।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बृहस्पतिवार की शाम हुई वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ। जयशंकर और वांग ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर मॉस्को में मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना के रुख पर करीबी नजर रखेगी और देखेगी कि वह जयशंकर-वांग के बीच वार्ता में बनी सहमति के आधार पर तनाव कम करने के लिए कितनी गंभीर है ।
दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा मामले संबंधी सभी मौजूदा समझौतों और नियमों का पालन करेंगे, शांति बनाए रखेंगे तथा किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचेंगे, जो तनाव बढ़ा सकती है।
हालांकि, इस समझौते में सैनिकों के पीछे हटने और शांति-सौहार्द्र बहाल करने के लिए समय सीमा का जिक्र नहीं किया गया है। यह भी पता चला है कि सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने सेना के मुख्यालय में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ समझौते के प्रावधानों के साथ ही लद्दाख में समग्र स्थिति पर विचार-विमर्श किया।
सूत्रों ने बताया कि गतिरोध वाले स्थानों पर तनाव कम करने के मकसद से शुक्रवार को सुबह ग्यारह बजे से दोपहर तीन बजे तक चुसूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हुई ।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की वार्ता होने की संभावना है । इसमें निश्चित तौर पर सीमा विवाद के समाधान पर नए समझौते पर भी चर्चा होगी ।’’