न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 12 Sep 2020 07:43 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹365 & To get 20% off, use code: 20OFF
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। चिराग ने दावा किया कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। चिराग ने कहा बीएमसी द्वारा कंगना रणौत के दफ्तर को तोड़ा जाना बदले की कार्रवाई है।
वह महाराष्ट्र में रहने वाले बिहारवासियों को लेकर चिंतित हैं। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। महाराष्ट्र के निर्माण में कंगना समेत सभी का हाथ है। अगर लोगों को यूं ही निशाना बनाया जाता रहेगा तो मुझे लगता है कि वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने के सिवाय कोई और विकल्प नहीं बचा और मैं वहां इसे लागू करने की मांग करता हूं क्योंकि लोग सरकार से डरे हुए हैं।
उन्होंने कहा, बाला साहेब हिंसा में लिप्त हुए बिना अपने कार्टूनों के जरिए व्यंग कसते थे। लेकिन जिस तरह से राज्य उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है, कंगना के कुछ सवाल पूछने पर उसे निशाने पर लिया गया, जिस तरह से नेवी अफसर द्वारा एक पोस्ट साझा करने पर उनकी पिटाई की गई उससे साफ है कि शिव सेना के कार्यकर्ताओं में सहनशीलता का स्तर गिर गया है।
कंगना के समर्थन खड़े चिराग ने दावा किया कि राज्य सरकार द्वारा उन्हें निशाना बनाया गया। चिराग ने कहा कि उनका मानना है कि अगर लोगों को सवाल पूछने से रोका जाए तो यह लोकतंत्र की हत्या है। लोकतंत्र में लोगों को सवाल पूछने का हक है और सवाल पूछने पर कंगना को निशाना बनाया गया।
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। चिराग ने दावा किया कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। चिराग ने कहा बीएमसी द्वारा कंगना रणौत के दफ्तर को तोड़ा जाना बदले की कार्रवाई है।
वह महाराष्ट्र में रहने वाले बिहारवासियों को लेकर चिंतित हैं। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। महाराष्ट्र के निर्माण में कंगना समेत सभी का हाथ है। अगर लोगों को यूं ही निशाना बनाया जाता रहेगा तो मुझे लगता है कि वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने के सिवाय कोई और विकल्प नहीं बचा और मैं वहां इसे लागू करने की मांग करता हूं क्योंकि लोग सरकार से डरे हुए हैं।
उन्होंने कहा, बाला साहेब हिंसा में लिप्त हुए बिना अपने कार्टूनों के जरिए व्यंग कसते थे। लेकिन जिस तरह से राज्य उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है, कंगना के कुछ सवाल पूछने पर उसे निशाने पर लिया गया, जिस तरह से नेवी अफसर द्वारा एक पोस्ट साझा करने पर उनकी पिटाई की गई उससे साफ है कि शिव सेना के कार्यकर्ताओं में सहनशीलता का स्तर गिर गया है।
https://www.youtube.com/watch?v=P9O2GgkQov8
कंगना के समर्थन खड़े चिराग ने दावा किया कि राज्य सरकार द्वारा उन्हें निशाना बनाया गया। चिराग ने कहा कि उनका मानना है कि अगर लोगों को सवाल पूछने से रोका जाए तो यह लोकतंत्र की हत्या है। लोकतंत्र में लोगों को सवाल पूछने का हक है और सवाल पूछने पर कंगना को निशाना बनाया गया।
Source link
Mon Sep 14 , 2020
If you were to put a gun to my head, I would say that this is my favorite Joseph Gordon-Levitt movie. His character, Adam, perfectly walks the line between hopelessness and optimism, and still finds joy in a life that so many would see as nothing more than borrowed time. […]