न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Tue, 15 Sep 2020 03:43 AM IST
अपने पिता लालू यादव के साथ तेजस्वी
– फोटो : फेसबुक
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विधानसभा चुनाव बिगुल बजने से पहले ही बिहार में पोस्टर वार शुरू होने वाला है। बिहार में ज्यादातर पार्टी कार्यालयों में पोस्टर लग रहे हैं। लेकिन सबका ध्यान खींच रहा है आरजेडी के कार्यालय के बाहर लगा बड़ा पोस्टर।
आरजेडी के गठन के बाद से पहली बार ऐसा हुआ कि पार्टी कार्यालय के बाहर लगे इस पोस्टर से पार्टी के संस्थापक और मुखिया लालू प्रसाद यादव नदारद हैं। पोस्टर में लालू की सत्ता के उत्तराधिकारी और पार्टी के नेता तेजस्वी यादव अकेले ही हैं।
नई सोच, नया बिहार , युवा सरकार,अबकी बार के नारे वाला यह पोस्टर पीले रंग में है पोस्टर पीले रंग का है, इसमें तेजस्वी के पीछे बिहार का नक्शा है। तेजवस्वी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं और मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।
पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं पोस्टर से सहमत नजर नहीं आ रहे हैं। उनका मानना है कि लालू प्रसाद यादव को समाज का हर तबका जानता है और उनकी रैलियों में सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती रही है।
मालूम हो कि लालू ने जनता दल से अलग होक 1997 में आरजेडी की स्थापना की थी और पार्टी के नेतृत्व कर रहे थे। वह पार्टी का प्रयाय गए थे। पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं ने कहा कि लालू की कमी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में साफ दिखी जब वह जेल में थे और पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी की छवि बदलने वाले नए पोस्टर व्यंग कसते हुए कहा कि एनडीए पर अक्सर आरोप लगते रहते हैं कि केंद्र और बिहार सरकार लालू के चुनाव से पहले रिहा होने में अड़ंगा लगा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि अगर लालू प्रसाद जेल से बाहर आएंगे तो इसका फायदा आरजेडी से ज्यादा एनडीए को ही मिलेगा।
विधानसभा चुनाव बिगुल बजने से पहले ही बिहार में पोस्टर वार शुरू होने वाला है। बिहार में ज्यादातर पार्टी कार्यालयों में पोस्टर लग रहे हैं। लेकिन सबका ध्यान खींच रहा है आरजेडी के कार्यालय के बाहर लगा बड़ा पोस्टर।
आरजेडी के गठन के बाद से पहली बार ऐसा हुआ कि पार्टी कार्यालय के बाहर लगे इस पोस्टर से पार्टी के संस्थापक और मुखिया लालू प्रसाद यादव नदारद हैं। पोस्टर में लालू की सत्ता के उत्तराधिकारी और पार्टी के नेता तेजस्वी यादव अकेले ही हैं।
नई सोच, नया बिहार , युवा सरकार,अबकी बार के नारे वाला यह पोस्टर पीले रंग में है पोस्टर पीले रंग का है, इसमें तेजस्वी के पीछे बिहार का नक्शा है। तेजवस्वी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं और मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।
पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं पोस्टर से सहमत नजर नहीं आ रहे हैं। उनका मानना है कि लालू प्रसाद यादव को समाज का हर तबका जानता है और उनकी रैलियों में सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती रही है।
मालूम हो कि लालू ने जनता दल से अलग होक 1997 में आरजेडी की स्थापना की थी और पार्टी के नेतृत्व कर रहे थे। वह पार्टी का प्रयाय गए थे। पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं ने कहा कि लालू की कमी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में साफ दिखी जब वह जेल में थे और पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी की छवि बदलने वाले नए पोस्टर व्यंग कसते हुए कहा कि एनडीए पर अक्सर आरोप लगते रहते हैं कि केंद्र और बिहार सरकार लालू के चुनाव से पहले रिहा होने में अड़ंगा लगा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि अगर लालू प्रसाद जेल से बाहर आएंगे तो इसका फायदा आरजेडी से ज्यादा एनडीए को ही मिलेगा।
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Tue Sep 15 , 2020
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