न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरपुर
Updated Wed, 16 Sep 2020 11:14 PM IST
बिहार में दिमागी बुखार के कारण बच्चों की मौत (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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बता दें कि जापानी बुखार से हर साल बिहार में खासतौर पर मुजफ्फरपुर में कई मौतें होती हैं। पिछले साल जून 2019 में ही यहां पर 161 बच्चों की मौत हुई थी। जानकारी के मुताबिक यह बीमारी 15 साल के कम उम्र के बच्चों में होती है। बुखार, उलटी और सिरदर्द इसके लक्षण हैं, जिनसे इसकी पहचान होती है।
From 27th March till now, 76 children suffering from Acute Encephalitis Syndrome/Japanese encephalitis admitted here. Out of which, 11 children have died, 2 children are admitted in PICU ward. 60 children discharged: Shrikrishna Medical College & Hospital, Muzaffarpur, Bihar
— ANI (@ANI) September 16, 2020
रिपोर्ट के मुताबिक, मुजफ्फरपुर जिले में इस बीमारी का पहला मामला 1995 में दर्ज किया गया था। इसके बाद यहां 2013 में 143 मौतें हुईं, 2014 में 355, 2015 में 11, 2016 में चार, 2017 में 11 और 2018 में 7 मौतें हुईं। हालांकि हाल के वर्षों में इससे मरने वालों की संख्या में कमी आई है और इसके इलाज के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस बीमारी का पहला मामला साल 1871 में सामने आया था।