न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Wed, 23 Sep 2020 11:27 AM IST
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बिहार में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले ली। राज्य के गृह विभाग ने मंगलवार देर शाम एक अधिसूचना जारी की जिसमें यह जानकारी दी गई कि प्रदेश सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल ने पांडेय की वीआरएस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। खास बात यह रही कि वीआरएस के लिए तीन महीने के पूर्व आवेदन देने के नियम से भी पांडेय को छूट मिल गई। इसके साथ ही भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में प्रदेश में नागरिक सुरक्षा और अग्निशमन सेवा के डीजी के पद पर तैनात संजीव कुमार सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इन अचानक हुई गतिविधियों से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पांडेय बिहार विधानसभा चुनाव से अपने सियासी सफर की शुरुआत कर सकते हैं।
बतौर आईपीएस पांडेय का करियर
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय जनवरी 2019 में डीजीपी बने थे। बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी, 2021 तक था। आईपीएस अधिकारी के तौर पर पांडेय ने करीब 33 साल की सेवा पूरी की है। लंबे समय से उनके वीआरएस की अटकलें चल रही थीं। सूत्रों के मुताबिक वीआरएस का आवेदन मंगलवार को ही केंद्र सरकार को भेजा गया और तत्काल मंजूर हो गया। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने गृह जिले बक्सर का दौरा किया था।
सुशांत सिंह राजपूत मामले में रहे सुर्खियों में
हाल में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के बिहार की नीतीश सरकार पर हमले को लेकर बिहार सरकार का बचाव किया था। अपने बयानों से उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी।
11 साल पहले भी दिया था इस्तीफा
यह पहली बार नहीं जब सियासी पारी के लिए पांडेय ने आईपीएस की नौकरी छोड़ी है। इससे पूर्व 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी उन्होंने इस्तीफा दिया था। तब वह भाजपा के टिकट पर बिहार की बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। पांडेय को इस बात का पूरा भरोसा था कि बक्सर से भाजपा के तत्कालीन सांसद लालमुनि चौबे को पार्टी दोबारा टिकट नहीं देगी। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी तब फिर गया जब पार्टी ने दोबारा चौबे को बक्सर से अपना प्रत्याशी बना दिया।
सपनों पर फिरा पानी
राजनीतिक आगाज से पहले ही उनके सपनों पर पानी फिर गया। हालांकि टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दी जिसे तत्कालीन नीतीश कुमार सरकार ने मंजूर कर लिया। नौ महीनों के बाद वह फिर से पुलिस सेवा में बहाल हो गए थे। पांडेय ने 2009 में जब वीआरएस लिया था तब वो आईजी थे और 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया।
एक बार फिर कूदे मैदान में
गुप्तेश्वर पांडेय ने अब जब एक बार फिर वीआरएस के लिए आवेदन किया तो उसे फौरन मंजूरी मिल गई। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांडेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए यह कदम उठाया है। अब वह जल्द ही विधिवत रूप से राजनीतिक पारी शुरू करने का एलान कर सकते हैं। माना जा रहा है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
एनडीए नेताओं से रहे हैं अच्छे संबंध
बताया जा रहा है कि बिहार सरकार ने गुप्तेश्वर पांडेय का वीआरएस का आवेदन केंद्र को मंगलवार की शाम को ही भेजा था। उनके इस्तीफे और वीआरएस की खबर पिछले कई दिनों से चर्चा में थी। हाल ही में उन्होंने अपने गृह जिले बक्सर का दौरा किया था। यहां उन्होंने जिला जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी। हालांकि तब उन्होंने चुनाव लड़ने की खबरों से साफ इनकार कर दिया था।
इसके बाद पटना लौटकर उन्होंने जदयू के कुछ और नेताओं से भी मुलाकात की थी। बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय के एनडीए के नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं। 2009 लोकसभा चुनाव से पूर्व भी उन्होंने वीआरएस लिया था लेकिन टिकट न मिलने पर वे नीतीश कुमार की कृपा से सेवा में वापस आने में कामयाब हुए थे।
बिहार में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले ली। राज्य के गृह विभाग ने मंगलवार देर शाम एक अधिसूचना जारी की जिसमें यह जानकारी दी गई कि प्रदेश सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल ने पांडेय की वीआरएस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। खास बात यह रही कि वीआरएस के लिए तीन महीने के पूर्व आवेदन देने के नियम से भी पांडेय को छूट मिल गई। इसके साथ ही भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में प्रदेश में नागरिक सुरक्षा और अग्निशमन सेवा के डीजी के पद पर तैनात संजीव कुमार सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इन अचानक हुई गतिविधियों से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पांडेय बिहार विधानसभा चुनाव से अपने सियासी सफर की शुरुआत कर सकते हैं।
बतौर आईपीएस पांडेय का करियर
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय जनवरी 2019 में डीजीपी बने थे। बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी, 2021 तक था। आईपीएस अधिकारी के तौर पर पांडेय ने करीब 33 साल की सेवा पूरी की है। लंबे समय से उनके वीआरएस की अटकलें चल रही थीं। सूत्रों के मुताबिक वीआरएस का आवेदन मंगलवार को ही केंद्र सरकार को भेजा गया और तत्काल मंजूर हो गया। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने गृह जिले बक्सर का दौरा किया था।
सुशांत सिंह राजपूत मामले में रहे सुर्खियों में
हाल में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के बिहार की नीतीश सरकार पर हमले को लेकर बिहार सरकार का बचाव किया था। अपने बयानों से उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी।
11 साल पहले भी दिया था इस्तीफा
यह पहली बार नहीं जब सियासी पारी के लिए पांडेय ने आईपीएस की नौकरी छोड़ी है। इससे पूर्व 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी उन्होंने इस्तीफा दिया था। तब वह भाजपा के टिकट पर बिहार की बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। पांडेय को इस बात का पूरा भरोसा था कि बक्सर से भाजपा के तत्कालीन सांसद लालमुनि चौबे को पार्टी दोबारा टिकट नहीं देगी। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी तब फिर गया जब पार्टी ने दोबारा चौबे को बक्सर से अपना प्रत्याशी बना दिया।
सपनों पर फिरा पानी
राजनीतिक आगाज से पहले ही उनके सपनों पर पानी फिर गया। हालांकि टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दी जिसे तत्कालीन नीतीश कुमार सरकार ने मंजूर कर लिया। नौ महीनों के बाद वह फिर से पुलिस सेवा में बहाल हो गए थे। पांडेय ने 2009 में जब वीआरएस लिया था तब वो आईजी थे और 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया।
एक बार फिर कूदे मैदान में
गुप्तेश्वर पांडेय ने अब जब एक बार फिर वीआरएस के लिए आवेदन किया तो उसे फौरन मंजूरी मिल गई। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांडेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए यह कदम उठाया है। अब वह जल्द ही विधिवत रूप से राजनीतिक पारी शुरू करने का एलान कर सकते हैं। माना जा रहा है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
एनडीए नेताओं से रहे हैं अच्छे संबंध
बताया जा रहा है कि बिहार सरकार ने गुप्तेश्वर पांडेय का वीआरएस का आवेदन केंद्र को मंगलवार की शाम को ही भेजा था। उनके इस्तीफे और वीआरएस की खबर पिछले कई दिनों से चर्चा में थी। हाल ही में उन्होंने अपने गृह जिले बक्सर का दौरा किया था। यहां उन्होंने जिला जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी। हालांकि तब उन्होंने चुनाव लड़ने की खबरों से साफ इनकार कर दिया था।
इसके बाद पटना लौटकर उन्होंने जदयू के कुछ और नेताओं से भी मुलाकात की थी। बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय के एनडीए के नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं। 2009 लोकसभा चुनाव से पूर्व भी उन्होंने वीआरएस लिया था लेकिन टिकट न मिलने पर वे नीतीश कुमार की कृपा से सेवा में वापस आने में कामयाब हुए थे।
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Wed Sep 23 , 2020
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