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- JDU Is Not In A Mood To Tolerate Chirag, High level Meeting In Delhi Over Seat Sharing
पटना15 मिनट पहले
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चिराग पिछले कुछ दिनों से लगातार नीतीश पर हमला कर रहे हैं और इसी वजह से एनडीए में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
- जदयू ने भाजपा को साफ तौर पर कह दिया कि चिराग पासवान से पार्टी कोई बात नहीं करेगी
- जदयू ने साफ कर दिया कि जो समझौता है वह भाजपा के साथ है और सीटों का बंटवारा भी भाजपा के साथ ही होगा
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ जदयू अपनी चाल चल रही है। जदयू के वरिष्ठ नेता और सांसद ललन सिंह और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव से दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात के कई मायने निकाले निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जदयू चिराग को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। ऐसे में जदयू ने साफ कर दिया है कि जो समझौता है वह भाजपा के साथ है और सीटों का बंटवारा भी भाजपा के साथ ही होगा।
जदयू की दो टूक-चिराग से बात नहीं करेंगे
ललन सिंह और आरसीपी सिंह ने बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से मिलकर सीटों के बंटवारे पर बात की। सूत्रों की मानें तो जदयू के इन दोनों बड़े नेताओं ने भूपेंद्र यादव को साफ तौर पर कह दिया कि जदयू चिराग से बात करने नहीं जाएगी। अगर सीट बंटवारे पर बात भी करनी है तो बीजेपी अपने स्तर पर करे। जदयू को इस बात पर खास तौर से ऐतराज है कि चिराग लगातार मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। आरसीपी और ललन ने भूपेंद्र यादव को कहा कि वे चिराग को अपनी तरफ से नसीहत दे दें।
जदयू ने कहा-अकेले चुनाव लड़े तो शून्य पर आउट हो जाएंगे चिराग
उधर, जदयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने चिराग पासवान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चिराग पहले लोकसभा से इस्तीफा दें, उसके बाद विधानसभा का चुनाव लड़ें। तब उन्हें यह पता चलेगा कि वे कितने पानी में हैं। चिराग अगर अकेले चुनाव लड़ते हैं तो वे शून्य पर आउट हो जाएंगे।
इससे पहले चिराग ने नीतीश को चुनौती देते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ने की बात कही थी। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा को 42 सीटें मिली थी और इस बार भी वह इतनी ही सीट चाहती है। भाजपा और जदयू दोनों इतनी सीट देने को तैयार नहीं है। दोनों पार्टियां चिराग को 25 सीट से ज्यादा नहीं देना चाहती है। इसी को लेकर चिराग के तेवर तल्ख हैं। बाद में लोजपा के सूरजभान सिंह भी एक फॉर्मूला लेकर आए थे जिसमें 30-35 सीटों की मांग थी और जिसमें 20 सीटें पसंद की हो। इस फॉर्मूले पर भाजपा और जदयू ने कोई ध्यान नहीं दिया।
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