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पटना7 मिनट पहले
बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने भी सोमवार को राजद की लालटेन पकड़ ली है।
- लवली अपने लिए और अपने कुछ नजदीकी लोगों के लिए राजद से टिकट ले सकती हैं
- राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दिलाई पार्टी की सदस्यता
बिहार विधानसभा चुनाव में आचार संहिता की घोषणा के बाद जोड़-तोड़ की राजनीति भी शुरू हो गई है। यहां तक कि जो बड़े नेता हैं वे अपने लिए ठिकाना भी ढूंढने लगे हैं। इसी के तहत बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने भी सोमवार को राजद की लालटेन पकड़ ली है।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके आवास पर जाकर उन्होंने मुलाकात की, जिसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर लवली आनंद के बेटे चेतन आनंद भी वहां मौजूद थे। कयास लगाया जा रहा है कि लवली आनंद अपने लिए और अपने कुछ नजदीकी लोगों के लिए राजद से टिकट ले सकती हैं।

लवली आनंद ने कहा कि जितने मेरे और आनंद मोहन जी के शुभचिंतक हैं, सब राजद परिवार का हिस्सा हो गए हैं।
‘एनडीए ने राजपूत समाज को ठगा ही है’
सदस्यता ग्रहण करने के बाद लवली आनंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं बिलकुल खुले मन से आज राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गयी हूं। मेरे साथ ही जितने मेरे और आनंद मोहन जी के शुभचिंतक हैं, सब राजद परिवार का हिस्सा हो गए हैं। एनडीए ने आजतक बिहार के लोगों और खासकर राजपूत समाज को ठगा ही है। जैसा मेरे परिवार का हाल है, वही राजद का भी हाल है। इस सरकार ने आनंद मोहन जी को जेल भेजा है। नीतीश सरकार हर पुरुषार्थी को जेल भेजने का काम कर रही है। इसलिए मैं इस सरकार को उखाड़ फेंकने और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जो भी संभव होगा, वो काम करूंगी।
नीतीश कुमार से भी मिला था भरोसा
इस साल के जनवरी महीने में जब जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने महाराणा प्रताप का की पुण्यतिथि मनाई थी तो उस समय बिहार के अलग-अलग इलाकों से पहुंचे क्षत्रिय समाज के लोगों ने सीएम नीतीश कुमार के सामने आनंद मोहन को रिहा करो के नारे लगाए थे। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह आश्वासन दिया था कि जल्द ही आनंद मोहन बाहर होंगे और अपने साथ होंगे, लेकिन चुनाव आचार संहिता की घोषणा हो चुकी है अब तक आनंद मोहन बाहर नहीं आए और किसी तरह की कोई सुगबुगाहट भी पिछले दिनों नहीं देखी गई। इसके चलते लवली आनंद ने राजद में शामिल होने का फैसला किया।

आनंद मोहन के साथ ही लवली आनंद का भी राजनीति से पुराना नाता है।
कोशी के कद्दावर नेता माने जाते थे आनंद मोहन
बता दें कि आनंद मोहन कभी कोशी क्षेत्र के कद्दावर नेता माने जाते थे। वे शिवहर से सांसद रह चुके हैं। पप्पू यादव के साथ कभी उनकी दुश्मनी काफी चर्चा में थी। फिलहाल वे गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की ह्त्या मामले में जेल में हैं। उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गयी है। राजनीति में उनकी एंट्री 1990 में हुई। तब पहली बार सहरसा से विधायक बने थे। पप्पू यादव से हिंसक टकराव की घटनाएं देश भर में सुर्खियां बनी थीं। 1994 में उनकी पत्नी लवली आनंद ने भी वैशाली लोकसभा का उप चुनाव जीतकर राजनीति में अपनी धमाकेदार एंट्री की थी। आनंद मोहन ने जेल से ही 1996 का लोकसभा चुनाव समता पार्टी के टिकट पर लड़ा और जीत हासिल की थी। जेल में ही रहकर आनंद मोहन दो किताबें भी लिख चुके हैं।
लवली आनंद का भी राजनीति से है पुराना नाता
वहीं लवली आनंद का भी राजनीति से पुराना नाता है। उनका परिवार कांग्रेसी रहा है। 1994 के आम चुनावों में उन्होंने वैशाली लोकसभा सीट से कद्दावर नेता किशोरी सिन्हा को हराया था। लवली 2014 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ी थीं लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले वे 2009 में भी शिवहर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, वहां भी उन्हें हार मिली थी। लवली फिलहाल अपने बेटे चेतन आनंद के साथ मिलकर फ्रेंड्स ऑफ आनंद नाम की एक संस्था चला रही हैं और अपने समर्थकों को गोल बंद कर रही हैं।