ये गीत बिहार चुनाव की वजह से सोशल मीडिया पर वायरल है और इसके बोल कुछ इस तरह हैं – बिहार में का बा, कोरोना से बीमार बा, बाढ़ से बदहाल बा। भरी जवानी में मंगरुवा चलत ठेगुरवा चाल बा। अरे का बा, बिहार में का बा। 15 साल चचा रहलन, 15 साल पप्पा। तबो ना मिट बेजोरगारी का ठप्पा। जब जब सइया होले मोर अरब के रवाना, तब तब जियरा खोजे एहो इहा कारखाना। बोला का बा।
इस गाने को बिहरा के कैमुर जिले की रहने वाली नेहा सिंह राठौर ने गाया और लिखा भी है। वैसे तो नेहा साल 2018 से लोकगीत गा रही हैं लेकिन बिहार चुनाव आते ही उनके गानों को सोशल मीडिया पर बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और फेसबुक और ट्विटर पर उनके फॉलोवर्स की संख्या बढ़ गई है। यहां नेहा सिंह राठौर के गाने को आप सुन सकते हैं…
बेरोजगारी के आलम में थरिया पीटत बानी…
बिहार से बेरोजगार बोलत बानी pic.twitter.com/wRgY6Lg0fx
— Neha Singh Rathore (@NehaFolksinger_) September 21, 2020
नेहा ने बताया कि वो अपना हर गाना फेसबुक पर जरूर डालती हैं। उन्होंने बताया कि एक बार गाना डालने के बाद उनके फेसबुक पर फॉलोवर कम हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने ट्विटर पर गाने डालने शुरू कर दिए। नेहा सिंह राठौर ने एक गाना बेरोजगारी पर भी गाया था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के समय कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
इसके अलावा नेहा के उस गाने को कई विपक्षी बड़े नेताओं ने भी शेयर किया। नेहा का कहना है कि उन्होंने कभी भी गाना वायरल होने के मकसद से गाने को नहीं लिखा, हां वो जन समाज की आवाज बनना चाहती हैं, इसलिए उनसे जुड़े मुद्दों पर गाने लिखती हैं।
नेहा ने कहा कि जो लोग अपनी बात रखने से डरते हैं, वो उनके लिए गाना लिखती हैं और सरकार तक अपने गाने के माध्यम से उनकी बातें पहुंचाती हैं। नेहा का कहना है कि सरकार को चुनौती देने वाले गानों को लिखने में डर नहीं लगता क्योंकि मुझे लोकतंत्र का नियम पता है, सरकार ने कहा है कि आप सवाल कर सकते हैं।
नेहा ने साल 2018 में कानपुर से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। उनका कहना है कि भोजपुरी गीतों में अश्लीलता बढ़ गई है, इसलिए उन्होंने अपनी भाषा की सेवा करने का विचार किया है।