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- Katoriya Assembly Has Four Woman Out Of Five Candidates Among 114 Total In First Phase : Bihar Assembly Election 2020
पटना36 मिनट पहलेलेखक: मनीष मिश्रा
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- कटोरिया विधानसभा सीट पर महिला प्रत्याशियों में बड़ी टक्कर
- पांच प्रत्याशियों में एक ही पुरुष जबकि मैदान में हें 4 महिलाएं
प्रथम चरण के चुनाव में 71 विधानसभाओं में सबसे जोरदार टक्कर कटोरिया में हैं। यहां महज एक ही पुरुष प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जबकि चार महिलाएं अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रही हैं। बांका जिले के धौरेया, बांका, बेलहर में ऐसी स्थिति नहीं है। जिले के पांच विधानसभा सीट पर कुल 62 प्रत्याशी हैं, जिनमें 7 महिलाएं और 55 पुरुष हैं। कटोरिया विधानसभा सीट ही ऐसी है जहां चुनाव में महिलाओं का दबदबा है। प्रथम चरण के चुनाव में 1066 प्रत्याशियों में 114 महिलाएं और 952 पुरुष हैं।
बांका के कटोरिया में हर बार ऐसी ही होती है टक्कर
बांका जिले का कटोरिया विधानसभा है। इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल की स्वीटी सीमा हेम्ब्रम का कब्जा है। यहां इस बार भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी निक्की हेम्ब्रम से उनकी सीधी टक्कर है। अन्य दो महिला प्रत्याशी झामुमो से अंजेला हंसदा और जन अधिकार पार्टी से रोज मेरी किस्कु हैं। एकमात्र पुरुष प्रत्याशी ‘अपना किसान पार्टी’ के इतवारी टुडू हैं। यह सीट एसटी प्रत्याशी के लिए रिजर्व है।
कटोरिया सीट की कहानी
भागलपुर प्रमंडल की यह सीट हमेशा इसी तरह से रोचक होती है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 2.48 लाख है, जिसमें 1.31 लाख पुरुष और 1.16 लाख महिला वोटर हैं। राष्ट्रीय जनता दल की स्वीटी सीमा हेम्ब्रम विधायक हैं, उन्होंने भाजपा की निक्की हेम्ब्रम को 10337 वोटों से हराया था। 2010 में भाजपा के सोनेलाल हेमब्रम जीते थे, अक्टूबर 2005 में राजद के राजकिशोर उर्फ पप्पू यादव दूसरी बार विधायक बने। इससे पहले वो लोजपा के टिकट पर फरवरी 2005 में जीते थे। 2000 में राजद के गिरधारी यादव जीते थे। वो 1995 में जनता दल से विधायक बने थे। 1996 के उपचुनाव में जनता दल के भोला प्रसाद यादव जीते। सुरेश प्रसाद यादव तीन बार इस सीट से विधायक रहे। 1980 में पहली बार कांग्रेस, 1985 में कांग्रेस सोशलिस्ट, 1990 में कांग्रेस से चुनाव जीते। गुणेश्वर प्रसाद सिंह जनता दल से 1977 में विधायक बने। जय प्रकाश सिंह साल 1972 में निर्दलीय विधायक रहे। कामपा मुर्मू स्वतंत्र पार्टी से 1962 में विधायक रहे। 1961 के उप-चुनाव में एम. मुर्मू कांग्रेस से जीते। 1957 में कांग्रेस से राघवेंद्र नारायण सिंह और पीरू मांझी विधायक रहे। इस सीट पर 16 चुनाव हुए हैं। इसमें कांग्रेस 4, राजद 3 बार, जनता दल 2, आइसीएस, भाजपा कांग्रेस, जनता दल, स्वतंत्र पार्टी, निर्दलीय एक एक बार जीत दर्ज की। इस सीट पर 4 बार जीतने वाली कांग्रेस 1990 के बाद नहीं जीत पाई है। भाजपा अब तक एक बार ही जीतने में कामयाब हो पाई है। वर्ष 2020 विधानसभा में टक्कर अब महिला प्रत्याशियों के बीच ही है।
प्रथम चरण में महिलाओं की दावेदारी
प्रथम चरण में सबसे बड़ी चुनौती राष्ट्रीय जनता दल को है। पार्टी के कुल 42 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसमें 32 पुरुष और 10 महिलाएं हैं। इसके बाद 41 सीटो पर एलजेपी की चुनौती है जिसमें 33 पुरुष और 8 महिलाएं हैं। रालोसपा के 40 प्रत्याशी प्रथम चरण के चुनाव में हैं जिसमें 36 पुरुष 4 महिलाएं हैं। जनता दल यूनाइटेड के 35 प्रत्याशी मैदान में हैं जिसमें 30 पुरुष 5 महिलाएं हैं। एनसीपी के 21 प्रत्याशी प्रथम चरण के चुनाव मैदान में हें इसमें 30 पुरुष एक महिला है। कांग्रेस के भी 21 प्रत्याशी प्रथम चरण में लड़ रहे हैं इसमें 20 पुरुष एक महिला है। सीपीआई और सीपीआईएम के एक भी प्रत्याशी प्रथम चरण के चुनाव में नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी के 29 प्रत्याशी मैदान में हैं जिसमें 24 पुरुष और 5 महिलाएं हैं। बीएसपी के 26 प्रत्याशी मैदान में हें इसमें 24 पुरुष दो महिलाएं हैं। कुल 114 महिला प्रत्याशी प्रथम चरण के चुनाव के लिए मैदान में हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 1,01,29,101 है।