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- Babri Masjid Demolition Verdict Reaction; BJP Leader Sushil Modi And Union Minister Giriraj Singh
पटना2 मिनट पहले
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भाजपा के फायर ब्रांड नेता कहे जानेवाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने फैसले पर अलग ही तेवर दिखाए हैं।
- बाबरी ढांचे के मामले में फैसला आने के बाद बिहार भाजपा से जुड़े नेताओं की भी प्रतिक्रिया आने लगी है
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने फैसले पर अलग ही तेवर दिखाए हैं
विवादित बाबरी ढांचे के ढहाने के मामले में स्पेशल कोर्ट का फैसला आने के बाद बिहार भाजपा से जुड़े नेताओं की भी प्रतिक्रिया आने लगी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि घटना के वक्त वे वहीं मौजूद थे और मंच का संचालन कर रहे थे। कुछ भी पहले से सोचा गया (पूर्वनियोजित) नहीं था। वहां भीड़ बढ़ गई, जिसने बाद में आवेश में आकर विवादित ढांचे को ढहा दिया।
मोदी के अनुसार उस वक्त मंच पर लाल कृष्ण आडवाणी समेत अन्य नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने आक्रोशित भीड़ को रोकने की कोशिश की। मगर भीड़ उन्मादी थी और किसी को सुनने के लिए तैयार नहीं थी। पूरी घटना से आडवाणी समेत वहां उपस्थित तमाम नेता काफी दुखी थे। कोर्ट ने आज इस पर अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट का फैसला स्वीकार और स्वागतयोग्य है।
प्रभु श्री राम के देश मे प्रभु राम के लिए किया गया कार्य पुण्य का कार्य होता है।
सदियों की गलती को ठीक करने के माननीय न्यायालय के आदेश की हम सराहना करते हैं।— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 30, 2020
गिरिराज ने बताया पुण्य का काम
भाजपा के फायर ब्रांड नेता कहे जानेवाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने फैसले पर अलग ही तेवर दिखाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ‘प्रभु श्रीराम के देश मे प्रभु राम के लिए किया गया कार्य पुण्य का कार्य होता है। सदियों की गलती को ठीक करने के माननीय न्यायालय के आदेश की हम सराहना करते हैं।’
मंगल पांडेय ने कहा ‘सत्यमेव जयते’
बिहार भाजपा के एक और बड़े नेता व सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी फैसले पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कम शब्दों में ही फैसले को ऐतिहासिक एवं स्वागत योग्य बताते हुए इसे ‘सत्य की जीत’ बताया है। उन्होंने लिखा – “सत्यमेव जयते” अयोध्या में बाबरी विध्वंस पर माननीय अदालत का फैसला ऐतिहासिक एवं स्वागत योग्य है। यह सत्य एवं न्याय की जीत है।
कोर्ट के फैसले में सभी आरोपी बरी
इस मामले में 28 साल बाद लखनऊ के सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज एसके यादव ने 2000 पन्नों का फैसला सुनाया है। इसके अनुसार मामले में किसी भी तरह की साजिश के सबूत नहीं मिले। जो कुछ हुआ, वह अचानक था और किसी भी तरह से यह घटना साजिशन नहीं थी। इस तरह राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस केस में कुल 48 लोगों पर आरोप लगे थे, जिनमें से 16 की मौत हो चुकी है। फैसला सुनाने वाले जज आज ही रिटायर हो रहे हैं।