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- India Successfully Test fired The Supersonic Cruise Missile BrahMos, A Distance Of 400 Km. Can Aim Up To A Range Of
नई दिल्ली23 मिनट पहले
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ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, जहाज और फाइटर जेट से दागा जा सकता है। इसके कई उपकरण देश में ही तैयार किए गए हैं।
- डीआरडीओ के अधिकारियों की देखरेख में ब्रह्मोस को ओडिशा के चांदीपुरा स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से बुधवार सुबह 10.45 बजे दागा गया
- ब्रह्मोस मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना तेजी से वार कर सकती है,इसकी रफ्तार करीब 3457 किमी. प्रति घंटे है
भारत ने बुधवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया। ओडिशा के चांदीपुरा स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से इसे सुबह 10.45 बजे दागा गया। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के मुताबिक, यह मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना तेजी से वार कर सकती है। इसकी रफ्तार करीब 3457 किमी. प्रति घंटे है। यह 400 किमी. की रेंज तक निशाना लगा सकती है।
परीक्षण में सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइल ने सभी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसे जमीन, जहाज और फाइटर जेट से दागा जा सकता है। मिसाइल के पहले एक्सटेंडेड वर्जन का परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था। ब्रह्मोस का नाम दो नदियों के नाम से लिया गया है, इसमें भारत की ब्रह्मपुत्र नदी का ‘ब्रह्म’ और रूस की मोसकावा नदी से ‘मोस’ लिया गया है।
भारतीय सेना के बेड़े में शामिल है ब्रह्मोस
इसे भारत के डीआरडीओ ने रूस के एनपीओ मैशिनोस्ट्रोनिया (एनपीओएम) के साथ मिलकर तैयार किया है। ब्रह्मोस उन चुनिंदा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में शामिल हैं जो भारतीय वायुसेना और नौसेना के बेड़े में शामिल है। नए संस्करण का प्रोपल्शन सिस्टम, एयरफ्रेम, पॉवर सप्लाई समेत कई अहम उपकरण स्वदेश में ही विकसित किए गए हैं। यह मुख्य तौर पर पनडुब्बियों, जहाजों और नौकाओं को निशाने बनाने में मददगार साबित होगा।