न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 01 Oct 2020 06:19 AM IST
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कोरोना वायरस के हवा में संचरण और बंद जगह में इसके प्रसार को लेकर जॉर्जिया विश्वविद्यालय ने शोध किया है। इस शोध के मुताबिक बंद जगहों और खराब हवा के कारण वायरस का संचरण तेजी से होता है। इतना ही नहीं इस अध्ययन में यह भी पाया गया है कि बंद जगहों पर कोरोना वायरस हवा के द्वारा भी फैलता है। यानि कोरोना वायरस कहीं भी और कैसे भी किसी को पीड़ित कर सकता है। वैसे पूरी दुनिया में लंबे समय से हवा द्वारा वायरस के संचरण को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है, लेकिन सीमित अनुभव के आधार पर इस शोध में दावा किया गया है कि महामारी विज्ञान साक्ष्य के अनुसार वायरस लंबी दूरी तक संचरण करता है, यह हवा में संचरण भी हो सकता है।
इस अध्ययन में महती भूमिका का निर्वाह करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर ये शेन कहते हैं, यह देखने में आ रहा है कोरोना वायरस के संचरण की सबसे बड़ी वजह निकट संबंध के कारण बूंदों के माध्यम से वायरस का शरीर में प्रवेश है। जब पूरी दुनिया में लगातार हाथ धोने और सामाजिक दूरी का कोई प्रभाव कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में सफल नहीं हुआ है। कोरोना के मामले पूरी दुनिया में तेज गति के साथ लगातार बढ़ रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने एक प्रयोग किया इसमें लोगों को दो समूहों में बांटकर खुले में प्रार्थना सभा का आयोजन किया। इसमें दोनों समूहों को अलग अलग बसों में लेकर कार्यक्रम स्थल पर लेकर आया गया। दोनों बसों को पूरी तरह से बंद रखा गया बसों का एसी लगातार चलाया गया। इसमें से एक बस में एक कोरोना संक्रमित को बैठाया गया। इसमें देखा गया कोरोना संक्रमित के साथ बस में जाने वाले ज्यादातर कोरोना संक्रमित हुए, जबकि कार्यक्रम स्थल पर दोनों समूहों के लोग आपस में काफी घुले-मिले और भीड़ का हिस्सा बने। इसके बावजूद देखा गया इस समारोह में गए लोगों में से बहुत कम लोगों को कोरोना संक्त्रस्मण हुआ। इससे साफ जाहिर है कि बस कोरोना संक्रमण के फैलने का बड़ा कारण बनी। इसमें आगे देखा गया कुछ लोगों को कुछ दिनों के बाद कोरोना संक्रमण हुआ लेकिन वह लोग उस संक्रमित व्यक्ति के पास नहीं बैठे थे, लेकिन उस बस में सवार थे।
इससे साफ जाहिर है कि कोरोना संक्रमण स्मॉग और फॉग सरीखे बंद वातावरण में भी संचरण कर सकता है, और जैसे जैसे सर्दियां बढ़ेगी इसका प्रसार और तेजी से होने की संभावना भी शोधकर्ताओं ने जताई है। कोरोना वायरस की चेन और इसके प्रसार को समझना जरूरी है ताकि प्रभावी ढंग से इसे काबू करने की लिए नियोजन किया जा सके, जिसके द्वारा इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
इस अध्ययन में फेस मास्क के पक्ष में ठोस सबूत दिए हैं, लेकिन बंद स्थान और खराब वातावरण के साथ हवा के प्रसार के खराब तरीके इस वायरस को तेजी से संचरण मार्ग उपलब्ध करा सकते हैं। इस लेख को जेएएमए इंटरनल मेडिसिन और इंडिया साइंस वायर ने भी पब्लिश किया है।
कोरोना वायरस के हवा में संचरण और बंद जगह में इसके प्रसार को लेकर जॉर्जिया विश्वविद्यालय ने शोध किया है। इस शोध के मुताबिक बंद जगहों और खराब हवा के कारण वायरस का संचरण तेजी से होता है। इतना ही नहीं इस अध्ययन में यह भी पाया गया है कि बंद जगहों पर कोरोना वायरस हवा के द्वारा भी फैलता है। यानि कोरोना वायरस कहीं भी और कैसे भी किसी को पीड़ित कर सकता है। वैसे पूरी दुनिया में लंबे समय से हवा द्वारा वायरस के संचरण को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है, लेकिन सीमित अनुभव के आधार पर इस शोध में दावा किया गया है कि महामारी विज्ञान साक्ष्य के अनुसार वायरस लंबी दूरी तक संचरण करता है, यह हवा में संचरण भी हो सकता है।
इस अध्ययन में महती भूमिका का निर्वाह करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर ये शेन कहते हैं, यह देखने में आ रहा है कोरोना वायरस के संचरण की सबसे बड़ी वजह निकट संबंध के कारण बूंदों के माध्यम से वायरस का शरीर में प्रवेश है। जब पूरी दुनिया में लगातार हाथ धोने और सामाजिक दूरी का कोई प्रभाव कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में सफल नहीं हुआ है। कोरोना के मामले पूरी दुनिया में तेज गति के साथ लगातार बढ़ रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने एक प्रयोग किया इसमें लोगों को दो समूहों में बांटकर खुले में प्रार्थना सभा का आयोजन किया। इसमें दोनों समूहों को अलग अलग बसों में लेकर कार्यक्रम स्थल पर लेकर आया गया। दोनों बसों को पूरी तरह से बंद रखा गया बसों का एसी लगातार चलाया गया। इसमें से एक बस में एक कोरोना संक्रमित को बैठाया गया। इसमें देखा गया कोरोना संक्रमित के साथ बस में जाने वाले ज्यादातर कोरोना संक्रमित हुए, जबकि कार्यक्रम स्थल पर दोनों समूहों के लोग आपस में काफी घुले-मिले और भीड़ का हिस्सा बने। इसके बावजूद देखा गया इस समारोह में गए लोगों में से बहुत कम लोगों को कोरोना संक्त्रस्मण हुआ। इससे साफ जाहिर है कि बस कोरोना संक्रमण के फैलने का बड़ा कारण बनी। इसमें आगे देखा गया कुछ लोगों को कुछ दिनों के बाद कोरोना संक्रमण हुआ लेकिन वह लोग उस संक्रमित व्यक्ति के पास नहीं बैठे थे, लेकिन उस बस में सवार थे।
इससे साफ जाहिर है कि कोरोना संक्रमण स्मॉग और फॉग सरीखे बंद वातावरण में भी संचरण कर सकता है, और जैसे जैसे सर्दियां बढ़ेगी इसका प्रसार और तेजी से होने की संभावना भी शोधकर्ताओं ने जताई है। कोरोना वायरस की चेन और इसके प्रसार को समझना जरूरी है ताकि प्रभावी ढंग से इसे काबू करने की लिए नियोजन किया जा सके, जिसके द्वारा इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
इस अध्ययन में फेस मास्क के पक्ष में ठोस सबूत दिए हैं, लेकिन बंद स्थान और खराब वातावरण के साथ हवा के प्रसार के खराब तरीके इस वायरस को तेजी से संचरण मार्ग उपलब्ध करा सकते हैं। इस लेख को जेएएमए इंटरनल मेडिसिन और इंडिया साइंस वायर ने भी पब्लिश किया है।
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Thu Oct 1 , 2020
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Updated Thu, 01 Oct 2020 04:14 AM IST
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