लखनऊ। यूपी के हाथरस जिले में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती की मौत के बाद उसे इंसाफ दिलाने के लिए देशभर में गुस्सा है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग हड़ताल पर चले गए हैं। यह सब केवल एक उद्देश्य है पीड़ित को न्याय प्रदान करना। लोग प्रदर्शन कर दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। इस बीच पोस्टमार्टम-फॉरेंसिक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, फॉरेंसिक रिपोर्ट कहती है कि पीड़िता के साथ बलात्कार नहीं हुआ था, लेकिन दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। वहीं, उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार का दावा है कि पीड़ित के शरीर में कोई शुक्राणु नहीं पाया गया है, जो बलात्कार की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट से पुष्टि होती है कि पीड़िता के साथ बलात्कार नहीं हुआ था, इसलिए जांच की जा रही है।
हालांकि, पोस्टमार्टम में पहले जो खुलासा हुआ था, उसने यह स्पष्ट किया कि पीड़िता के साथ गंभीर बलात्कार किया गया है और इसके कारण शरीर पर विभिन्न निशान हैं।
दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के फॉरेंसिक प्रमुख, बी.एन. मिश्रा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को देखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिश्रा ने कहा कि रिपोर्ट में बलात्कार का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन पीड़ित का निजी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि पीड़ित की मृत्यु शरीर में फ्रैक्चर और संक्रमण के कारण हुई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता के शरीर पर चोट के निशान थे, सड़ने लगे थे। यह संक्रमण का परिणाम है जो किसी को भी मार सकता है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि पीड़ित की गर्दन पर चोट के निशान थे, उसका गला दबाने के कई प्रयास किए गए। पीड़िता ने मरने से पहले अपनी गर्दन भी तोड़ दी थी। इसके अलावा, कुछ हड्डियां पूरी तरह से टूट गई थीं और कुछ ने काम करना बंद कर दिया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद, पीड़ित के विसरा को संरक्षित किया गया, ताकि मौत के कारण का पता लगाया जा सके। बाद में यह पुष्टि की गई कि पीड़ित की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।
उलेखनिए है कि 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में दलित युवती के साथ गैंगरेप किया गया था। जिसके बाद उसकी तबीयत काफी खराब हुई और दिल्ली शिफ्ट किया गया, जहां सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पीड़िता की मौत के बाद, यूपी पुलिस ने पीड़ित परिवार की सहमति के बिना उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान पीड़ित का परिवार भी मौजूद नहीं था।
इस मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से पूरे केस की जांच के लिए तीन सदस्यों की एसआईटी टीम का गठन किया गया है, जो हाथरस पहुंच चुकी है। एसआईटी को सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
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