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- Bihar: Assembly Election 2020, Formula Of Seat Sharing In NDA Is Fixed, Bjp And Jdu Will Fight Elections On 119 199 Seats
पटनाएक घंटा पहलेलेखक: बृजम पांडेय
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2019 में हुए लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा ने बराबर-बराबर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
- 243 विधानसभा सीट वाले इस चुनाव में 119 -119 पर जदयू और भाजपा चुनाव लड़ेंगे
- 5 सीटों को हम के लिए छोड़ा गया, लोजपा को बाहर रखा गया है
बिहार में विधानसभा चुनाव हैं। महागठबंधन ने अपनी सहयोगियों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अंतिम मुहर लगाई तो एनडीए में भी आनन-फानन में सीटों का बंटवारा कर लिया गया है। सूत्रों की मानें तो जदयू और भाजपा आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। विधानसभा की 243 सीट में जदयू और भाजपा 119 -119 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। बाकी बची 5 सीटों को हम के लिए छोड़ा गया है। शनिवार देर रात तक चली बैठक में भाजपा और जदयू ने इसी फॉर्मूले पर अपनी सहमति बनाई। लोजपा को इससे बाहर रखा गया है।
एनडीए के इस सीट बंटवारे में लगातार भाजपा अड़ी रही, जिसका फायदा यह हुआ कि भाजपा को भी उतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ना है, जितनी सीटों पर जदयू लड़ेगा। बात यह आ रही थी कि जदयू भाजपा से करीब 15 से 20 सीट ज्यादा पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन भाजपा नेता सीटों का बंटवारा बराबर-बराबर करने पर अड़े रहे। इसी वजह से यह मुद्दा लंबा खिंच गया। अंत में यह फॉर्मूला सेट हुआ। मैराथन मीटिंग के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
जदयू और भाजपा नेताओं के बीच 5 घंटे मीटिंग, तब बनी सहमति
शनिवार को पटना के रूपसपुर के एक अपार्टमेंट में जदयू और भाजपा के नेताओं के बीच करीब 5 घंटे तक मीटिंग चली। इस बैठक में भाजपा की तरफ से देवेंद्र फडणवीस, भूपेंद्र यादव और संजय जायसवाल थे। वहीं, जदयू के तरफ से ललन सिंह, आरसीपी सिंह और विजेंद्र यादव थे। दोनों तरफ से एक-एक सीट पर चर्चा हुई, उसके बाद आधी-आधी सीट पर दोनों दलों में सहमति बन गई।
भाजपा ने आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा
इस बंटवारे में लोजपा को बिल्कुल अलग रखा गया है। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के अलग रुख के कारण जदयू लोजपा को लेकर सहमत नहीं थी। बात यहां भी अटकी हुई थी कि ऐसे में भाजपा ने अपनी आधी-आधी सीटों का फॉर्मूला सेट किया और जदयू के सामने यह प्रस्ताव रखा गया कि लोकसभा के तर्ज पर ही विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। जिसको अंत में जदयू ने माना और फिर एक-एक सीट पर चर्चा करके इस पर सहमति दी।