डेस्क। राजस्थान के अलवर जिले में थानागाजी गैंगरेप मामले में अदालत मंगलवार को फैसला सुनाते हुए पांचों आरोपियों को दोषी माना। जिसके एक घंटे बाद 4 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। साथ में 1-1 लाख आर्थिक दंड भी लगाया गया। वहीं, एक दोषी मुकेश को 5 साल की सजा सुनाई गई। यह फैसला जज बृजेश कुमार ने सुनाया। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि ये घटना कृष्ण काल मे द्रोपदी के चीर हरण के समान है। यह वारदात 26 अप्रेल 2019 को दिनदहाड़े हुई थी। लेकिन, सामूहिक गैंगरेप का मुकदमा 2 मई 2019 को थानागाजी थाने में दर्ज हुआ था।
जानकारी के अनुसार सामूहिक दुष्कर्म के बाद वीडियो वायरल करने के इस मामले में पांच आरोपियों के विरुद्ध लगे आरोपों पर सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने 6 अक्टूबर की तारीख फैसला सुनाए जाने के लिए तय की थी। इससे पहले थानागाजी पुलिस ने 6 आरोपियों के खिलाफ विशिष्ठ न्यायाधीश अजा-जजा अत्याचार निवारण प्रकरण बृजेश कुमार की अदालत में चालान पेश किया था। प्रकरण में एक आरोपी बाल अपचारी है, जिस पर किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई चल रही है।
मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा विशिष्ठ लोक अभियोजक कुलदीप जैन तथा आरोपियों की ओर से एडवोकेट भूपसिंह पोसवाल, भूपेंद्र खटाणा व महेश गोठवाल की ओर से पैरवी की गई। एएसआई अजय शर्मा ने बताया कि इस घटना की रिपोर्ट 2 मई 2019 को दर्ज होने के 16 दिनों बाद ही 18 मई को पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही अदालत में चालान पेश कर दिया था।
बता दें कि ये मामला 2 मई 2019 का है। एक दलित पति-पत्नी अलवर थानागाजी रोड़ पर मोटरसाइकिल से थानागाजी की ओर जा रहे थे। तभी एक एकांत स्थान में आरोपियों ने पीड़ित परिवार की मोटरसाइकिल रुकवा दी और पीड़िता को खींचकर एकांतस्थान में ले गए। वहां महिला के साथ पति के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों ने इसका वीडियो भी बनाया। इस मामले में 2 मई को एफआईआर दर्ज हुई। बताया जाता है के पीड़ित थाने गए थे, लेकिन पुलिस ने चुनाव में व्यस्त होने की बात कहकर मुकदमा नहीं लिखा। बाद में घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा।
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