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- People Have Not Eaten Food For Three Days In Akbarpur Malahi Village Of Hajipur, The Stove Will Burn In The House Only After The Fire
पटनाएक घंटा पहले
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हाजीूपुर के अकबरपुर मलाही गांव की महिलाओं ने केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मौत की खबर के बाद आज तक चूल्हा नहीं जलाया है।
- रामविलास पासवान ने 2014 के लोकसभा चुनाव में लिया था इस गांव को गोद, गांव के लिए करवाए हैं विकास के कई काम
- अंतिम संस्कार के बाद ही गांव में जलेगा चूल्हा, अकबर मलाही के कई लोग पटना स्थित आवास पर पहुंचे
अमित जायसवाल केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मौत के बाद हाजीपुर के अकबरपुर मलाही गांव में पिछले तीन दिनों से किसी के घर में चूल्हा नहीं जला है। टीवी पर मौत की खबर सुनने के बाद महिलाओं ने ना तो खाना बनाया है ना ही खाया है। उनका कहना है कि जब उनके प्रिय नेता का अंतिम संस्कार हो जाएगा, तभी उनके घर में चूल्हा जलेगा।
ये महिलाएं लोजपा या किसी अन्य पार्टी से जुड़ी हुई नहीं हैं। इन्हें किसी केन्द्रीय मंत्री के जाने का गम नहीं है बल्कि अपने मसीहा के नहीं रहने का दुख साल रहा है। उनका कहना है कि हर नेता की मैय्यत पर आंसू निकले, ये जरूरी नहीं। रामविलास हमारे नेता नहीं बल्कि मसीहा थे। हाजीपुर से करीब 30 किमी दूरी सराय को उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद गोद लिया था।
अधिकांश लोग श्रद्धांजलि देने पटना गए हैं
गांव के ही रहने वाले 52 साल के एक अधेड़ गुरुवार की रात अपने घर में टीवी पर न्यूज देख रहे थे। रामविलास पासवान की मौत की सूचना मिलते ही उन्हें ऐसा सदमा पहुंचा कि ब्लड प्रेशर लो हो गया, उनका इलाज करवाना पड़ा।

प्रमिला देवी को उनके मौत की खबर अपने बेटे से मिली।
गांव की प्रमिला देवी ने बताया मौत की जानकारी बेटे से मिली। वो मोबाइल पर फेसबुक चला रहा था। उसी बीच उसको पता चला था कि मंत्री जी का देहांत हो गया। इसके बाद से ही खाना-पीना नहीं हुआ। बना हुआ खाना नहीं खाए। चूल्हा नहीं जला।

संगीता देवी- ‘बच्चा सब को कुछो खिला दिए लेकिन हमारा मन एकदम खाने का नहीं हो रहा है।’
गांव की ही संगीता देवी ने बताया कि दुखद जानकारी अपने बेटे से फेसबुक से मिली। मन अजीब हो गया। हमलोग घर में अब तक खाना नहीं बनाए हैं। बच्चा सब को कुछो खिला दिए। लेकिन हमरा मन एकदम नहीं है। आशा गुप्ता ने बताया उनकी मौत की खबर हमको अपने पति से मिली। उस रात हम खाना बना चुके थे। लेकिन हमारे साहब ने कहा कि मन दुखी है, खाना नहीं खाएंगे। घर क्या, पूरे गांव का माहौल अजीब सा हो गया है। ऐसा लग रहा है कि हमारे परिवार का कोई सदस्य चला गया हो।
गांव के लिए हमेशा काम करवाते रहे
अकबर मलाही गांव को गोद लेने के बाद रामविलास पासवान 2014 से 2016 तक यहां लगातार चार बार आए। उनके आदेश पर गांव के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई गईं। उन पर काम भी काम हुआ। हालांकि पिछले 4 साल से वो यहां नहीं आए। इसके पीछे की वजह उनका बीमार रहना है। लेकिन अपने प्रतिनिधि अवधेश कुमार सिंह के जरिए वक्त-वक्त पर काम करवाते रहे। सांसद आदर्श ग्राम अकबर मलाही भगवानपुर ब्लॉक के तहत आता है। विधानसभा क्षेत्र लालगंज और लोकसभा क्षेत्र हाजीपुर है। 2014 में रामविलास पासवान ने अपने संसदीय क्षेत्र की इस पंचायत को गोद लिया था। यहां की आबादी 13 हजार के करीब है, जबकि वोटर्स की संख्या 6 हजार है। गांव की कुल 10 योजनाओं पर रामविलास पासवान ने काम करावाया था। पेयजल की व्यवस्था के लिए मिनी सोलर पम्प, हेल्थ सब सेंटर भी बनवाया था।