9 मिनट पहले
चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का रिएक्शन देखने के बाद अंपायर ने अपना फैसला बदल दिया।
चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच मंगलवार को खेले गए मुकाबले में वाइड बॉल को लेकर विवाद हो गया। चेन्नई के बॉलर शार्दूल ठाकुर की एक बॉल ऑफ स्टम्प के काफी बाहर पिच हुई। अंपायर पॉल रफेल ने इसे वाइड करार देने के लिए हाथ उठाया, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी का रिएक्शन देखकर उन्होंने तुरंत अपने हाथ वापस खींच लिए।
इस घटना पर डग आउट में बैठे हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर भी नाखुश नजर आए। अंपायर के इस फैसले और धोनी के रिएक्शन को सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया जा रहा है। एक यूजर ने नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि इससे धोनी की खेल भावना का पता चलता है।

According to Dhoni fans celebrating a win or a boundary is called arrogance and Forcing umpires to change the decision or coming on field from dressing room to fight with umpires is sportsman spirit 👏
— Aivy (@VamosVirat) October 13, 2020
हैदराबाद की पारी के 19वें ओवर में हुआ विवाद
हैदराबाद की पारी के 19वें ओवर में शार्दूल ठाकुर वाइड यॉर्कर डालने की कोशिश कर रहे थे। इस ओवर की दूसरी बॉल को अंपायर ने वाइड करार दिया। इसके बाद अगली बॉल भी शार्दुल ने उसी लाइन पर डाली। इस बार भी अंपायर ने इसे वाइड करार देने के लिए अपने हाथ उठाए, लेकिन शार्दुल और विकेट के पीछे खड़े धोनी के रिएक्शन को देखकर उन्होंने अपना फैसला बदल दिया।
धोनी हुए ट्रोल
सोशल मीडिया पर नाराज एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि चेन्नई को इस बार का फेयर प्ले अवॉर्ड मिलता है। वहीं एक और यूजर ने लिखा कि अंपायर ने यह फैसला धोनी के विरोध के बाद बदला।
The fault is the umpire’s only. If you are intimidated by MS Dhoni that’s your problem. MS Dhoni had the right to express his disappointment though it was a wide. We’ve seen all players do it. That’s just piss poor umpiring & the umpire needs to be fined.
— Pradhyoth (@Pradhyoth1) October 13, 2020
एक यूजर ने लिखा कि यह पूरी तरह अंपायर की गलती थी, क्योंकि धोनी को विरोध करने का पूरा हक है। दूसरे यूजर ने तो सीएसके पर मैच फिक्सिंग का आरोप तक लगा दिया।
आईपीएल के नियम 2.12 के मुताबिक, अंपायर अपने फैसले को बदल सकता है, बशर्ते इसे तुरंत किया जाए। इसके अलावा अंपायर की ओर से किया गया फैसला ही अंतिम माना जाएगा।
पहले भी हो चुका है अंपायरिंग पर विवाद
इससे पहले 2018 में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच के दौरान नो बॉल को लेकर धोनी और अंपायर्स में विवाद हो गया था। राजस्थान के बेन स्टोक्स की बॉल को अंपायर उल्हास गांधे ने शुरुआत में नो-बॉल का इशारा करने के लिए हाथ उठाया था, लेकिन लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड की तरफ से गेंद के कमर से ऊपर रहने का कोई संकेत ने मिलने की वजह से गांधे ने नो-बॉल नहीं दी थी। इससे नाराज धोनी मैदान पर उतर आए थे।
कोहली भी हो चुके हैं नाराज
2018 में ही मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेले गए मैच में भी अंपायरिंग को लेकर विवाद हो चुका है। उस मैच में आरसीबी को आखिरी गेंद पर 7 रन चाहिए थे। लेकिन मलिंगा का पैर लाइन से बाहर होने के बावजूद अंपायर एस रवि यह नहीं देख पाए और बेंगलुरु 6 रन से हार गई। अगर अंपायर रवि इस बॉल को नो बॉल करार देते तो आरसीबी को एक गेंद पर और एक रन अतिरिक्त मिलता और साथ ही फ्री हिट भी। आरसीबी के कप्तान विराट कोहली इससे खासे नाराज दिखे थे।