बिहार विधानसभा चुनाव 2020: Nitish Vs Tejashwi
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला और कहा कि अब वे थक गए हैं और राज्य को नहीं संभाल सकते।
Bihar CM Nitish Kumar is tired & can not handle the state. He doesn’t want to talk about development, unemployment, education, health infrastructure & poverty. He says Bihar is a landlocked state hence industries can not be set up resulting in no job creation: Tejashwi Yadav, RJD pic.twitter.com/Te6PFjX4sX
— ANI (@ANI) October 16, 2020
तेजस्वी यादव ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थक चुके हैं और राज्य को संभाल नहीं पा रहे हैं। वह विकास, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और गरीबी के बारे में बात नहीं करना चाहते। वह कहते हैं कि बिहार एक लैंडलॉक्ड राज्य है (चारों तरफ भूमि से घिरा) इसलिए उद्योगों का निर्माण नहीं किया जा सकता है। जिसके परिणामस्वरूप रोजगार पैदा नहीं होगा।”
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 अक्तूबर को अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया। अपनी पहली ही रैली में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन बिहार में उद्योग लग ही नहीं सकता।
नीतीश ने अपने रैली में कहा था, “किस तरह से हमने काम करना शुरू किया है। गांव-गांव में और विकेंद्रित तरीके से काम किया। अगर कोई आते, बड़े-बड़े उद्योगपति यहां पर उद्योग लगाते, तो उसी को लोग देखते और कहते बड़ा उद्योग हो रहा है। लेकिन, अब वो नहीं आए, क्योंकि चारों तरफ से हम लोग घिरे हुए वाले इलाके हैं। ज्यादा बड़ा उद्योग कहां लगता, समुद्र के किनारे जो राज्य पड़ते हैं, उन्हीं जगहों पर ज्यादा लगता है। हम लोगों ने तो बहुत कोशिश की।”
हालांकि नीतीश कुमार का यह दावा बहुत सही नहीं ठहरता। सिर्फ बिहार ही ऐसा राज्य नहीं जो चारों ओर जमीन से घिरा हुआ है। झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, असम जैसे कई राज्य हैं, जिनके चारों ओर जमीन है। लेकिन, इनमें से कई राज्यों में बिहार की तुलना में अधिक फैक्ट्रियां हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 16 अक्तूबर को पांच विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। यह देखने वाली बात होगी कि वो मुख्यमंत्री को इन चुनावी सभाओं में बिहार में रोजगार और उद्योग धंधे के मुद्दे पर किस तरह से घेरेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरे चरण के नामांकन के लिए शुक्रवार आखिरी दिन है। इसके एक दिन पहले गुरुवार को विभिन्न राजनैतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन किया।