मुंगेरएक घंटा पहले
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- सदर प्रखंड के चड़ौन मध्य विद्यालय के 2600 वोटरों में एक बजे तक मात्र 23 वोटरों ने की वोटिंग
पहले चरण के तहत मुंगेर में हो रहे मतदान के दौरान कई जगहों पर लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। इसका इकलौता कारण 26 अक्टूबर की रात दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस का निरंकुश व्यवहार रहा।
मुंगेेर शहरी क्षेत्र में मतदाताओं ने प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ के अलावे श्रद्धालुओं के साथ पुलिस के बर्बर व्यवहार को कारण माना तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव के नाम पर जबरन प्रतिमा विसर्जन कराने को कारण माना। बुधवार शाम शहर में विसर्जन में हुई फायरिंग में जान गंवाने वाले अनुराग पोद्धार की याद में कैंडल जलाया गया। साथ ही मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई।
मुंगेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सदर प्रखंड के चड़ौन मध्य विद्यालय मतदान केन्द्र संख्या 232, 232ए, 233 और 233 ए पर मतदाताओं की कुल संख्या 2600 है, जहां दोपहर 01 बजे तक महज 23 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। पूछे जाने पर मतदाताओं ने बताया कि शारदीय नवरात्र के दशमी पूजन के दौरान मुफ्फसिल थाना प्रभारी के साथ पहुंचे पुलिस टीम ने पूजा समिति के साथ ना सिर्फ दुर्व्यवहार किया बल्कि जबरन प्रतिमा का विसर्जन करा दिया।
इस दौरान पुलिस अधिकारी किसी को पहचानने को भी तैयार नहीं थे। जिस कारण ग्रामीणों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगर हमें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार नहीं है तो हम भी चुनाव का बहिष्कार करते हैं।
शहरी क्षेत्र में मतदाताओं को किया गया दिग्भ्रमित
वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र के मतदाताओं को 26 अक्टूबर की रात पुलिसिया कार्रवाई का विरोध करने के लिए दिग्भ्रमित किया गया। मुंगेर नगर निगम क्षेत्र में पुलिस के इस कार्रवाई का विरोध तो हो ही रहा था जिसका फायदा कुछ लोगों ने उठाना चाहा एवं एक सुनियोजित साजिश के तहत कुछ खास जगहों यथा मुंगेर मुख्य बाजार, वार्ड नंबर 33, 34, 35, 36, 12, 10 के अलावे अन्य कई वार्डों में घूम-घूम कर प्रचारित कर दिया कि पुलिस के कार्रवाई का विरोध करते हुए वोट बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। जिसे सच मानते हुए कई जगहों पर पुलिसिया कार्रवाई से आक्रोशित लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। हालांकि दोपहर 01 बजे के बाद जब लोगों को सच्चाई की जानकारी हुई तो लोग बाहर निकले लेकिन तब तक देर तो हो ही चुका था।