Coronavirus Second Wave In Bihar After Assembley Election 2020 Aiims Doctor Randeep Guleria – Bihar Election 2020: विधानसभा चुनाव के बाद कोरोना से बेहाल होगा बिहार?

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बिहार चुनाव अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। इसके लिए कोरोना के खतरे को भी नजरअंदाज कर दिया गया। वह भी तब, जब कोरोना के संक्रमण को देखते हुए दुनिया के 50 से ज्यादा देशों ने चुनाव टाल दिए। लेकिन अब चुनाव के बाद कोरोना बिहार को बेहाल हो सकता है और इसका ऐलान खुद एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने किया। उनका कहना है कि अगले दो सप्ताह में बिहार में कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है। यदि दिवाली और छठ पूजा में सतर्कता नहीं बरती गई तो संक्रमण काफी तेजी से बढ़ेगा। 

गुहार के बाद भी नहीं टला चुनाव

गौर करने वाली बात यह है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए विपक्षी दलों ने बिहार में चुनाव टालने की गुहार चुनाव आयोग से लगाई थी, लेकिन बार-बार इंतजाम दुरुस्त होने की बात कही गई। साथ ही, संक्रमण नहीं फैलने देने का आश्वासन भी दिया गया, जिसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया गया। 

सीएए-एनआरसी पर भाजपा-जदयू के सुर अलग, केंद्रीय मंत्री प्रधान बोले- हर देश करता है नागरिकों की पहचान

मतदान पर दिखा कोरोना का असर

बिहार में अब तक दो चरण का मतदान हो चुका है और तीसरे चरण की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में तो मतदान करने वालों की लाइनें लगी दिखीं, लेकिन शहरी मतदाताओं विशेषकर पटना के मतदाताओं में कोरोना का खौफ साफ नजर आया। पटना के तीन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत नीचे से शीर्ष पर रहा। लोगों ने सरकारी आश्वासन और व्यवस्था पर भरोसा न करते हुए वोट न डालने को ज्यादा अहमियत दी। 

बिहार में ऐसा है कोरोना का हाल

गौरतलब है कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2.19 लाख हो चुकी है। हालांकि, इनमें से 2.11 लाख लोग ठीक भी हो गए हैं। वहीं, अब तक राज्य में 1113 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें लगभग 35 डॉक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। साथ ही, राज्य सरकार के दो पूर्व मंत्री विनोद सिंह और कपिल देव कामत कोरोना के कारण जान गंवा चुके हैं। 

राहुल का पीएम पर बड़ा हमला, कहा- ‘ईवीएम’ नहीं ‘ , ‘एमवीएम’ – ‘मोदी वोटिंग मशीन’ है

क्या कहते हैं डॉक्टर?

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के डॉ. हर्षवर्धन कहते हैं कि चुनाव के दौरान अधिकतर लोगों ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। आने वाले समय में वे हालात काफी ज्यादा बिगाड़ सकते हैं। वहीं, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के डा. प्रत्युष कुमार मिश्रा मानते हैं कि सरकार की ओर से लोगों को जागरूक करने और ऐहतियात बरतने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है, लेकिन लोगों में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गलतफहमी है। वे अब ऊब चुके हैं। उन्हें लगने लगा है कि जो होगा, देखेंगे। लोगों में ऐसी मनोस्थिति बीमारी को लेकर लापरवाह बना रही है। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के डॉ. अजय कुमार कहते हैं कि सरकार कोरोना से बचाव के लिए काफी उपाय कर रही है। मतदान केंद्रों पर सैनेटाइजर और दस्ताने आदि चीजें वोटरों को कोरोना से बचाने के लिए रखे गए थे, लेकिन ज्यादातर लोगों को लगता है कि अब भय की कोई बात नहीं है। 

बिहार चुनाव अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। इसके लिए कोरोना के खतरे को भी नजरअंदाज कर दिया गया। वह भी तब, जब कोरोना के संक्रमण को देखते हुए दुनिया के 50 से ज्यादा देशों ने चुनाव टाल दिए। लेकिन अब चुनाव के बाद कोरोना बिहार को बेहाल हो सकता है और इसका ऐलान खुद एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने किया। उनका कहना है कि अगले दो सप्ताह में बिहार में कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है। यदि दिवाली और छठ पूजा में सतर्कता नहीं बरती गई तो संक्रमण काफी तेजी से बढ़ेगा। 

गुहार के बाद भी नहीं टला चुनाव

गौर करने वाली बात यह है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए विपक्षी दलों ने बिहार में चुनाव टालने की गुहार चुनाव आयोग से लगाई थी, लेकिन बार-बार इंतजाम दुरुस्त होने की बात कही गई। साथ ही, संक्रमण नहीं फैलने देने का आश्वासन भी दिया गया, जिसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया गया। 

सीएए-एनआरसी पर भाजपा-जदयू के सुर अलग, केंद्रीय मंत्री प्रधान बोले- हर देश करता है नागरिकों की पहचान

मतदान पर दिखा कोरोना का असर

बिहार में अब तक दो चरण का मतदान हो चुका है और तीसरे चरण की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में तो मतदान करने वालों की लाइनें लगी दिखीं, लेकिन शहरी मतदाताओं विशेषकर पटना के मतदाताओं में कोरोना का खौफ साफ नजर आया। पटना के तीन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत नीचे से शीर्ष पर रहा। लोगों ने सरकारी आश्वासन और व्यवस्था पर भरोसा न करते हुए वोट न डालने को ज्यादा अहमियत दी। 

बिहार में ऐसा है कोरोना का हाल

गौरतलब है कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2.19 लाख हो चुकी है। हालांकि, इनमें से 2.11 लाख लोग ठीक भी हो गए हैं। वहीं, अब तक राज्य में 1113 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें लगभग 35 डॉक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। साथ ही, राज्य सरकार के दो पूर्व मंत्री विनोद सिंह और कपिल देव कामत कोरोना के कारण जान गंवा चुके हैं। 

राहुल का पीएम पर बड़ा हमला, कहा- ‘ईवीएम’ नहीं ‘ , ‘एमवीएम’ – ‘मोदी वोटिंग मशीन’ है

क्या कहते हैं डॉक्टर?

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के डॉ. हर्षवर्धन कहते हैं कि चुनाव के दौरान अधिकतर लोगों ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। आने वाले समय में वे हालात काफी ज्यादा बिगाड़ सकते हैं। वहीं, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के डा. प्रत्युष कुमार मिश्रा मानते हैं कि सरकार की ओर से लोगों को जागरूक करने और ऐहतियात बरतने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है, लेकिन लोगों में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गलतफहमी है। वे अब ऊब चुके हैं। उन्हें लगने लगा है कि जो होगा, देखेंगे। लोगों में ऐसी मनोस्थिति बीमारी को लेकर लापरवाह बना रही है। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के डॉ. अजय कुमार कहते हैं कि सरकार कोरोना से बचाव के लिए काफी उपाय कर रही है। मतदान केंद्रों पर सैनेटाइजर और दस्ताने आदि चीजें वोटरों को कोरोना से बचाने के लिए रखे गए थे, लेकिन ज्यादातर लोगों को लगता है कि अब भय की कोई बात नहीं है। 

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