China bubonic plague | China Coronavirus Vs Bubonic Plague Latest News Updates: 15-Year-Old Boy Dies After Eating Infected Marmot In Mongolia | प्लेग से 15 साल के लड़के की मौत, सम्पर्क में आने वाले 15 लोगों को क्वारैंटाइन किया; अमेरिका में एक गिलहरी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई

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6 घंटे पहले

ज्यादातर ब्यूबोनिक प्लेग के मामले चूहों के जरिए फैलते हैं लेकिन चीन में प्लेग का बैक्टीरिया मर्मट से फैल रहा है

  • हाल ही में चीन के इनर मंगोलिया में ब्यूबोनिक प्लेग का मामला सामने आने के बाद चेतावनी जारी की गई थी
  • मंगोलिया सरकार ने अलर्ट जारी करके लोगों से मर्मट को न खाने की अपील की है

चीन के इनर मंगोलिया में शुरू हुआ ब्यूबोनिक प्लेग का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। अब प्लेग के कारण पश्चिम मंगोलिया में 15 साल के लड़के की मौत हुई है। लड़के के सम्पर्क में आने वाले सभी 15 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया और एंटीबायोटिक्स दी जा रही हैं। वहीं, अमेरिका के कोलोराडो में एक गिलहरी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। 

चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। मंत्रालय के प्रवक्ता नारेगेरेल डोर्ज के मुताबिक, दो अन्य लड़कों ने मर्मट को खाया था, उनका इलाज चल रहा है। मंत्रालय की ओर जारी बयान के मुताबिक, मामला सामने आने के बाद गोबी-अलताई प्रांत में सभी को क्वारैंटाइन करने को कहा गया है। मंगोलिया सरकार ने अलर्ट जारी करके लोगों से मर्मट को न खाने की अपील की है। चीनी न्यूज एजेंसी शिंघुआ के मुताबिक, ब्यूबोनिक प्लेग से संक्रमित एक अन्य मरीज की हालत में सुधार देखा जा रहा है। 

ब्यूबोनिक प्लेग का बैक्टीरिया ज्यादातर चूहों के जरिए फैलता है लेकिन चीन में यह गिलहरीनुमा जीव मर्मट से फैला है। यह जीव अधिकतर मंगोलिया और उत्तरी एशिया में पाया जाता है। नवम्बर 2019 में इसके 4 मामले सामने आए थे जिसमें प्लेग के 2 खतरनाक स्ट्रेन मिले थे। इसे न्यूमोनिक प्लेग कहा गया था। गुजरात के सूरत में सितंबर 1994 में इसी तरह का प्लेग फैला था।

6 पॉइंट : क्या है बबोनिक प्लेग और कैसे फैलता है

#1) क्या है ब्यूबोनिक प्लेग/ ब्लैक डेथ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यह एक संक्रामक बीमारी है जो येरसीनिया पेस्टिस नाम के बैक्टीरिया से फैलता है। यह बैक्टीरिया चूहे के शरीर में चिपके परजीवी पिस्सू में पाया जाता है। संक्रमण ज्यादा हो जाए तो ये बीमारी जानलेवा हो जाती है।

प्लेग दो तरह का होता है – न्यूमोनिक और ब्यूबोनिक। सामान्य तौर पर होने वाले प्लेग को ब्यूबोनिक प्लेग कहते हैं, लेकिन जब इसका बैक्टीरिया फेफड़ों तक पहुंचता है तो हालत गंभीर हो जाती है, इस स्थिति को न्यूमोनिक प्लेग कहा जाता है।

#2) शरीर में कैसे इसका संक्रमण फैलता है?

WHO  के मुताबिक, चूहों के शरीर पर पलने वाले कीटाणुओं की वजह से प्लेग की बीमारी फैलती है। चूहों के आसपास होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ता है। प्लेग के मरीज की सांस और थूक के के संपर्क में आने वाले लोगों में भी प्लेग के बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है।शरीर में पहुंचने के बाद येरसीनिया पेस्टिस बैक्टीरिया शरीर में लिम्फेटिक सिस्टम में रहता है और यहां अपनी संख्या को बढ़ाता है। लिम्फ नोड में सूजन और दर्द होता है, इस स्थिति को ब्यूबो कहते हैं।

#3) कैसे पहचानें प्लेग से जूझ रहे हैं?

इसके कुछ कोरोना जैसे होते हैं। प्लेग की बीमारी पनपने में एक से सात दिन लग सकते हैं। इस दौरान बुखार, ठंड लगना, पूरे शरीर में दर्द रहना, कमजोरी महसूस करना, उल्टी आना जैसे इसके लक्षण दिखते हैं।

  • ब्यूबोनिक प्लेग: जब इसका बैक्टीरिया शरीर में संक्रमण फैलाता है तो लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाती है और बुखार रहता है। ज्यादातर इसके मामले सामने आते हैं। चीन में ब्यूबोनिक प्लेग का मामला सामने आया है।
  • न्यूमोनिक प्लेग: इसके मामले कम ही देखने में आते हैं। इसके बैक्टीरिया का संक्रमण होने पर सांस लेने में तकलीफ होने के साथ  खांसी आती है।

#4) प्लेग में मौत का खतरा कितना?

ब्यूबोनिक प्लेग में मौत का खतरा 30 से 60 फीसदी तक होता है, जबकि न्यूमोनिक प्लेग के मामले में इलाज न मिलने पर मौत हो सकती है। दोनों ही मामलों में अगर लक्षण दिखने के 24 घंटे में इलाज शुरू हो जाए तो रिकवरी तेज हो सकती है। स्ट्रेप्टोमाइसिन और टेट्रासायक्लाइन जैसी दवाइयों से प्लेग का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है।

#5) क्या यह बैक्टीरिया इंसान से इंसान में फैलता है?

एक संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान में ड्रॉपलेट्स के जरिए तभी फैलता है जब न्यूमोनिक प्लेग होता है। इलाज के तौर पर मरीज को एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।

#6) क्या मृतक के शरीर से प्लेग फैलने का खतरा है?

मरीज की मौत के बाद भी उसके शरीर के सम्पर्क में आने पर संक्रमण का खतरा रहता है। जब तक मृतक के शरीर में तरल (लिक्विड) मौजूद है, बैक्टीरिया संक्रमण फैला सकता है।

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