न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Sat, 18 Jul 2020 05:43 AM IST
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बिहार सतर्कता जांच ब्यूरो (वीआईबी) ने बिहार महादलित विकास मिशन के 10 पूर्व अधिकारियों के खिलाफ 7.3 करोड़ रुपये के घोटाले में केस दर्ज किया है। आरोपियों में एक निलंबित आईएएस और तीन पूर्व आईएएस हैं। रकम जालसाजी कर निजी एजेंसी को दी गई। इसके एमडी का भी नाम एफआईआर में है। एजेंसी की नियुक्ति कल्याणकारी निकाय ने अनुसूचित जाति के युवकों को ‘अंग्रेजी बोलना’ सिखाने के लिए की थी।
एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने विद्यार्थियों की कथित फर्जी प्रविष्टियां दिखाकर 2012-2016 के दौरान 7.3 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि निकाल ली। एफआईआर में निलंबित आईएएस अधिकारी एसएम राजू का भी नाम है। वह मिशन के पूर्व निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे।
मिशन के निदेशकों एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों राघवेंद्र झा, राजानारायण लाल, रामाशीष पासवान और मिशन के तत्कालीन संयोजक अनिल कुमार सिन्हा एवं शशिभूषण सिंह और सहायक निदेशकों हरेंद्र कुमार श्रीवास्तव एवं बीरेंद्र चौधरी तथा पूर्व राज्य परियोजना अधिकारी देवजानी कार को भी आरोपी बनाया गया है। ब्रिटिश लिंगुआ के प्रबंध निदेशक बीरबल झा का नाम भी इसमें है।