*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
चुनाव खत्म होते एग्जिट पोल से तस्वीर जरूर साफ हो गई है लेकिन एग्जिट पोल पर असमंजस बरकरार है। यही कारण है कि महागठबंधन संग राजग के अपने-अपने दावे हैं।2015 के बाद अधिकांश एग्जिट पोल ने राजग की सरकार बनने का दावा किया था। भाजपा दफ्तर में तो खुशी में पटाखे फोड़े गए। मिठाइयां बांट दी गईं। जब नतीजे आए तो एग्जिट पोल सिरे से खारिज हो गए।
महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी। 2015 में बिहार और तमिलनाडु में एक साथ चुनाव हुए थे। एग्जिट पोल तब तमिलनाडु में भी गलत साबित हो गए थे। हालांकि एग्जिट पोल हमेशा गलत ही नहीं हुए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल के अनुमान सटीक दिखे थे। पिछली बार बिहार में तमाम एग्जिट पोल गलत साबित हो गए थे, इसलिए इस बार एग्जिट पोल के बाद भी न तो यूपीए खेमे में जरूरत से ज्यादा उत्साह है और न ही राजग खेमे ने उम्मीद छोड़ी है।
राजग को तीर की तरह चुभ रहे एग्जिट पोल
चुनाव के अनुमान राजग को तीर की तरह चुभ रहे हैं। सभी एग्जिट पोल राजग को सत्ता से दूर दिखा रहे हैं। इतना ही नहीं, एग्जिट पोल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में भारी गिरावट दिखा रहे हैं। राजग के नेता इसे सहजता से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा और जदयू के नेता इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं। राजग नेताओं को भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता का फायदा उन्हें जरूर मिलेगा। हालांकि, एग्जिट पोल से सशंकित कुछ नेता हार का ठीकरा फोड़ने की भी तैयारी कर चुके हैं। नतीजे यदि एग्जिट पोल के हिसाब से ही रहे तो गठबंधन में भाजपा और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप के तीर के साथ तल्खी भी बढ़ेगी।
कांग्रेस की आस व परीक्षा
एग्जिट पोल के आंकड़ों पर चर्चाएं छिड़ी हैं। कांग्रेस की भी इस बार परीक्षा है। कांग्रेस के नेताओं पर चुनाव में टिकट बेचने का आरोप लगने के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दिल्ली से आकर पटना की कमान संभाल ली। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को उनके चुनाव तक सीमित कर दिया गया। ऐसे में कांग्रेस में दिल्ली-बिहार के बीच भीतर-भीतर दूरी भी दिखी। ऐसे में यदि नतीजे कांग्रेस की उम्मीद के लायक रहते हैं तो श्रेय सुरजेवाला व दिल्ली टीम को जाएगा।
एग्जिट पोल से भाजपा-जदयू खेमे में सन्नाटा, राजद में गहमागहमी
चुनाव खत्म होने और एग्जिट पोल के बाद से यहां राजनीतिक दलों के दफ्तरों का मिजाज बदला हुआ है। भाजपा-जदयू कार्यालय में मायूसी दिखी तो राजद-कांग्रेस खेमे में गहमागहमी। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में काफी सन्नाटा दिखा। कल तक यहां गहमागहमी रहती थी। जदयू कार्यालय में भी इक्के-दुक्के लोग आते-जाते दिखे। कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में रविवार होने के बावजूद थोड़ी गहमागहमी दिखी।
पूर्व मुख्यमंत्री और राबड़ी देवी के आवास पर राजद नेता तेजस्वी यादव से मिलने वालों की भीड़ दिखी। लोजपा और हम के कार्यालयों में भी गिने-चुने लोग लोग नजर आए।
राजद ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को हिदायत दी है कि मतगणना के दिन उत्साह में फायरिंग-आतिशबाजी आदि न करें। नौ नवंबर को तेजस्वी का जन्म दिन है और दस को नतीजे आ जाएंगे।
जगदानंद सिंह मानते हैं कि नतीजे लालू प्रसाद में भरोसे और तेजस्वी के कुशल प्रबंध के कारण महागठबंधन के पक्ष में हैं। राजद का चुनाव अभियान पूरी तरह से दस लाख नौकरियों के मुद्दे से जुड़ा रहा।
चुनाव खत्म होते एग्जिट पोल से तस्वीर जरूर साफ हो गई है लेकिन एग्जिट पोल पर असमंजस बरकरार है। यही कारण है कि महागठबंधन संग राजग के अपने-अपने दावे हैं।2015 के बाद अधिकांश एग्जिट पोल ने राजग की सरकार बनने का दावा किया था। भाजपा दफ्तर में तो खुशी में पटाखे फोड़े गए। मिठाइयां बांट दी गईं। जब नतीजे आए तो एग्जिट पोल सिरे से खारिज हो गए।
महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी। 2015 में बिहार और तमिलनाडु में एक साथ चुनाव हुए थे। एग्जिट पोल तब तमिलनाडु में भी गलत साबित हो गए थे। हालांकि एग्जिट पोल हमेशा गलत ही नहीं हुए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल के अनुमान सटीक दिखे थे। पिछली बार बिहार में तमाम एग्जिट पोल गलत साबित हो गए थे, इसलिए इस बार एग्जिट पोल के बाद भी न तो यूपीए खेमे में जरूरत से ज्यादा उत्साह है और न ही राजग खेमे ने उम्मीद छोड़ी है।
राजग को तीर की तरह चुभ रहे एग्जिट पोल
चुनाव के अनुमान राजग को तीर की तरह चुभ रहे हैं। सभी एग्जिट पोल राजग को सत्ता से दूर दिखा रहे हैं। इतना ही नहीं, एग्जिट पोल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में भारी गिरावट दिखा रहे हैं। राजग के नेता इसे सहजता से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा और जदयू के नेता इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं। राजग नेताओं को भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता का फायदा उन्हें जरूर मिलेगा। हालांकि, एग्जिट पोल से सशंकित कुछ नेता हार का ठीकरा फोड़ने की भी तैयारी कर चुके हैं। नतीजे यदि एग्जिट पोल के हिसाब से ही रहे तो गठबंधन में भाजपा और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप के तीर के साथ तल्खी भी बढ़ेगी।
कांग्रेस की आस व परीक्षा
एग्जिट पोल के आंकड़ों पर चर्चाएं छिड़ी हैं। कांग्रेस की भी इस बार परीक्षा है। कांग्रेस के नेताओं पर चुनाव में टिकट बेचने का आरोप लगने के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दिल्ली से आकर पटना की कमान संभाल ली। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को उनके चुनाव तक सीमित कर दिया गया। ऐसे में कांग्रेस में दिल्ली-बिहार के बीच भीतर-भीतर दूरी भी दिखी। ऐसे में यदि नतीजे कांग्रेस की उम्मीद के लायक रहते हैं तो श्रेय सुरजेवाला व दिल्ली टीम को जाएगा।
एग्जिट पोल से भाजपा-जदयू खेमे में सन्नाटा, राजद में गहमागहमी
चुनाव खत्म होने और एग्जिट पोल के बाद से यहां राजनीतिक दलों के दफ्तरों का मिजाज बदला हुआ है। भाजपा-जदयू कार्यालय में मायूसी दिखी तो राजद-कांग्रेस खेमे में गहमागहमी। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में काफी सन्नाटा दिखा। कल तक यहां गहमागहमी रहती थी। जदयू कार्यालय में भी इक्के-दुक्के लोग आते-जाते दिखे। कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में रविवार होने के बावजूद थोड़ी गहमागहमी दिखी।
पूर्व मुख्यमंत्री और राबड़ी देवी के आवास पर राजद नेता तेजस्वी यादव से मिलने वालों की भीड़ दिखी। लोजपा और हम के कार्यालयों में भी गिने-चुने लोग लोग नजर आए।
राजद ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को हिदायत दी है कि मतगणना के दिन उत्साह में फायरिंग-आतिशबाजी आदि न करें। नौ नवंबर को तेजस्वी का जन्म दिन है और दस को नतीजे आ जाएंगे।
जगदानंद सिंह मानते हैं कि नतीजे लालू प्रसाद में भरोसे और तेजस्वी के कुशल प्रबंध के कारण महागठबंधन के पक्ष में हैं। राजद का चुनाव अभियान पूरी तरह से दस लाख नौकरियों के मुद्दे से जुड़ा रहा।
A police case has been registered in Goa against model-actor Milind Soman for his social media post where he is seen running nude on the beach. He has been booked under IPC Section 294 (Obscene acts and songs) and 67 (Punishment for publishing/transmitting obscene material in electronic form) of IT […]