Lightning Strikes in Bihar Kill More Than Seven People; Here Is IMD Latest Alert | बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत, इस साल 300 से अधिक जान गई; 14 जिलों में अलर्ट

पटना12 मिनट पहले

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उत्तर बिहार के कई जिलों में तेज बारिश और वज्रपात की भी संभावना है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

  • औरंगाबाद में 5, गया और भोजपुर में 2-2 लोगों की जान गई
  • मंगलवार को बिजली गिरने से 18 लोगों की जान चली गई थी

बिहार में शुक्रवार को तीन जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 9 लोगों की जान चली गई। इसमें औरंगाबाद में 5, गया और भोजपुर में 2-2 की मौत हुई है। मौसम विभाग ने पटना सहित 14 जिलों में अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि गोपालगंज, सीवान, सारण, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, गया, औरंगाबाद, रोहतास, भभुआ, नालंदा, वैशाली बक्सर और नवादा में अगले 24 घंटों के दौरान आकाशीय बिजली गिर सकती है।

औसतन 300 मौतें हर साल, जानकारी के अभाव में मौत का औसत पार
बिहार में औसतन हर साल 300 मौतों बिजली गिरने के कारण होती रही है, लेकिन इस साल यह आंकड़ा इस औसत को पार कर चुका है। बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की बैठकों में सलाह के लिए बुलाए जाने वाले वज्रपात सुरक्षित भारत अभियान के संयोजक कर्नल संजय श्रीवास्तव के अनुसार आकाशीय बिजली से बचने के उपायों की जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण शहरों की अपेक्षा बिहार की ग्रामीण आबादी इसकी शिकार ज्यादा हो रही है।

शहरों में ज्यादातर भवनों पर तड़ित रोधक (लाइटनिंग अरेस्टर) और तड़ित चालक (लाइटनिंग कंडक्टर) लगे रहते हैं, इसलिए वह बिजली को खींचकर अर्थिंग के जरिए जमीन तक भेज देते हैं, जबकि गांवों में खुले खेतों में पड़े लोहे-तांबे के सामान, जलस्रोत, ऊंचे पेड़ आकाशीय बिजली को आकर्षित कर लेते हैं। इसके आसपास रहे लोगों की आकाशीय बिजली के करंट या तेज आवाज से धड़कन रुक जाती है या जलकर मौत हो जाती है।

बचना है तो क्या करें, न करें…यह जान लीजिए

  • खुले में हैं तो किसी पक्के मकान तक पहुंच सकते हैं तो पहुंचें
  • खुले में ही हैं तो दोनों पैर सटा चुक्कू-मुक्कू बैठ कान बंद कर लें
  • लोहे के खंभों, ऊंचे पेड़ों, तालाब-जलाशय आदि से खुद को दूर करें
  • सूखी लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते पर खड़े हो सकते हैं
  • जिन चीजों में करंट आ सकता है, उन्हें तुरंत अपने से दूर कर दें
  • समूह में सटकर खड़े न हों, दूरी बनाकर रहें और जमीन पर न सोएं
  • घर में हों तो नल, फ्रिज या ऐसे करंट वाले उपकरणों को नहीं छुएं

स्थायी उपाय भी कर सकते हैं
आकाशीय बिजली से बचाने के लिए बिहार में कुछ संस्थाएं नो प्रॉफिट, नो लॉस पर लाइटनिंग अरेस्टर और लाइटनिंग कंडक्टर भी उपलब्ध करा रही हैं। लाइटनिंग कंडक्टर 54 हजार रुपए में मिल रहा है। यह जिस ऊंचाई पर लगाया जाता है, उससे 45 डिग्री की छाया में वज्रपात को रोकता है। यानी, खेत में 40 फीट ऊंचाई पर इसे लगा दें तो उस जगह से 45 डिग्री का कोण बनाने पर जितनी परिधि होगी, उतनी दूर तक बिजली नहीं गिरेगी। लाइटनिंग अरेस्टर इससे करीब तीन गुणा कीमत पर 1.42 लाख रुपए में उपलब्ध है। यह जहां लगाया जाता है, उसके 1.4 वर्ग किमी के दायरे के आकाश में बिजली बननी शुरू होते ही उसे खींचकर जमीन में डाल देता है। मतलब, यह 1.4 वर्ग किमी के दायरे में बिजली से बचाने वाला छाता है। बिजली न गिरेगी और न आवाज होगी।

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