न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 10 Nov 2020 03:38 PM IST
एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– फोटो : यूट्यूब स्क्रीनशॉट
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उन्होंने कहा, भारत का मानना है कि संपर्क बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि हम एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एससीओ एजेंडा में बार-बार अनावश्यक रूप से द्विपक्षीय मुद्दे लाए जा रहे हैं जो एससीओ चार्टर और इसकी मूल भावना का उल्लंघन करते हैं।
It is unfortunate that there are unnecessary attempts to bring bilateral issues in the SCO agenda, which is in violation of SCO Charter and Shanghai spirit: Prime Minister Narendra Modi at the 20th Summit of SCO Council of Heads of State pic.twitter.com/AYc0w5FSKe
— ANI (@ANI) November 10, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है। हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के विरोध में आवाज उठाई है। भारत एससीओ चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार एससीओ के तहत काम करने की अपनी प्रतिबद्धता में हमेशा दृढ़ रहा है।
मोदी ने कहा, इस अभूतपूर्व महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत अपनी उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा।
मोदी ने कहा कि एक सुधरे हुए बहुपक्षवाद की आवश्यकता है, जो आज की सभी वास्तविकताओं को दर्शाए, जो सभी हिस्सेदारों की अपेक्षाओं, समकालीन चुनौतियों और मानव कल्याण जैसे विषयों पर चर्चा करे। उन्होंने कहा कि इस कोशिश में हमें एससीओ के सदस्य देशों की ओर से पूरा समर्थन मिलने की अपेक्षा है।
उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 साल पूरे किए हैं। लेकिन, कई सफलताओं के बाद भी इसका मूल लक्ष्य अभी अधूरा है। महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए, जिससे यह अपने लक्ष्यों तक पहुंच सके और उन्हें पूरा कर सके।