khaskhabar.com : गुरुवार, 12 नवम्बर 2020 6:56 PM
पटना । महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद चुनाव आयोग पर निशाना साधा है।
पटना में पत्रकारों वार्ता में उन्होंने कहा कि मैं नतमस्तक होकर बिहार की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूँ। जनता ने अपना फैसला सुनाया और चुनाव आयोग ने अपना नतीजा सुनाया, जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में है लेकिन चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में है ।
उन्होंने भी मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाकर महागठबंधन को हराए जाने की
बात की। तेजस्वी ने कहा कि वे जल्द ही ‘धन्यवाद यात्रा’ निकालेंगे।
मतगणना
के बाद गुरुवार को महागठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में विधयक
दल का नेता चुने जाने के बाद एक संवाददाता स्ममेलन को संबोधित करते हुए
तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन के नेता चुनाव में सकारात्मक और जनता के
मुद्दे के साथ चुनाव मैदान में गए, जिसके लिए लोगों का भरपूर समर्थन मिला।
उन्होंने कहा, “जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में है, जबकि चुनाव आयोग का नतीजा राजग के पक्ष में है।”
उन्होंने
स्पष्ट करते हुए कहा कि जनादेश बदलाव का है। मगर एकबार फिर जनादेश की चोरी
की गई है। इसके पहले भी 2015 में ऐसा किया गया था।
उन्होंने
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग तीसरे नंबर पर
पहुंच गए वे आज भी कुर्सी पर बैठने के लिए तैयार हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री
को चुनौती देते हुए कहा कि नीतीश कुमार में अगर थोड़ी भी नैतिकता बची हुई
है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
पूर्व उपमुख्यमंत्री
तेजस्वी ने मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी मशीनरी का
दुरुपयोग कर बैलेट पेपर की गिनती बाद में कराई गई और अधिकांश मतों को रद्द
कर दिया गया।
तेजस्वी ने दावा करते हुए कहा कि राजग और महागठबंधन
में वोटों का अंतर मात्र 12,270 है, लेकिन 15 सीटें राजग को ज्यादा हैं। यह
आंकड़ा ही बताती है कि मतगणना में क्या हुआ है।
तेजस्वी ने जनता
के मुद्दे उठाते रहने की बात कही और यह भी कहा कि लोगों को धन्यवाद देने के
लिए वे जल्द ही ‘धन्यवाद यात्रा’ निकालेंगे। उन्होंने राजग के नेताओं को
चेतावनी देते हुए कहा कि “राजग द्वारा किए गए वादे अगर जनवरी तक पूरे नहीं
होते हैं तो हम महागठबंधन के दल सड़कों पर उतरेंगे।”
–आईएएनएस
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Web Title-The decision of the people in favor of the Grand Alliance, but the result of the Election Commission was in favor of the NDA