न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Sat, 14 Nov 2020 08:25 AM IST
सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो)
– फोटो : ANI
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बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में कवायद तेज हो गई है। एनडीए ने 15 नवंबर को नवनिर्वाचित विधायकों की पटना में बैठक बुलाई है। इसमें विधायक अपना नेता चुनेंगे, लेकिन कैबिनेट के गठन में भाजपा कोई समझौता करने के लिए राजी नहीं है। इस बार वह ज्यादा मंत्री पद व अहम विभाग मांग सकती है।
राज्य में नई सरकार के गठन पर चर्चा के लिए शुक्रवार को भाजपा आलाकमान ने सुशील मोदी की दिल्ली बुलाया है और सूत्रों की मानें तो पार्टी ने भाजपा विधायक दल के नेता चुनने की जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी है। राजनाथ सिंह 15 नवंबर को पटना में होने वाली बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे।
भाजपा कैबिनेट में चाहती है ज्यादा जगह
जानकारों का कहना है कि भाजपा, नीतीश कुमार को तो राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार है लेकिन कैबिनेट में अपनी ताकत के हिसाब से जगह लेना चाहती है। भाजपा इस बार कई अहम विभागों पर दावा करेगी, जो पहले जदयू के पास हुआ करते थे। इन विभागों और इसके अलावा कैबिनेट से जुड़ी चर्चा के लिए सुशील मोदी को दिल्ली बुलाया है।
राजग विधायक दल की बैठक भी रविववार को
सुशील मोदी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। तीनों नेता बिहार में भाजपा की भूमिका तय करेंगे। एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक भी 15 नवंबर को ही होनी है, इसमें नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता चुना जाएगा।
दो उपमुख्यमंत्री की संभावना
बता दें, बिहार चुनाव में भाजपा 74 सीटें जीतकर एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। अब तक सत्ता की सूत्रधार रही जदयू को इस बार 43 सीटें मिली हैं। वहीं ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि उपमुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा की ओर से अति पिछड़े वर्ग से किसी नाम को आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह साफ नहीं है कि सुशील मोदी की जगह किस को लाया जाएगा या उत्तर प्रदेश की तरह दो-दो उपमुख्यमंत्रियों का फॉर्मूला अपनाया जाएगा।
भाजपा की ओर से उपमुख्यमंत्री पद के लिए आरएसएस में जुड़े नेता कामेश्वर चौपाल का नाम चर्चा में है। चौपाल दलित समुदाय से आते हैं और वे 1989 में अयोध्या में राम जन्मभूमि की आधारशिला रखने के लिए चर्चित रहे हैं।
नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा
वहीं बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी मंत्रिपरिषद के त्यागपत्र को स्वीकृति प्रदान करते हुए अगली सरकार के गठन तक उन्हें पद पर (कार्यवाहक मुख्यमंत्री) बने रहने को कहा। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में कवायद तेज हो गई है। एनडीए ने 15 नवंबर को नवनिर्वाचित विधायकों की पटना में बैठक बुलाई है। इसमें विधायक अपना नेता चुनेंगे, लेकिन कैबिनेट के गठन में भाजपा कोई समझौता करने के लिए राजी नहीं है। इस बार वह ज्यादा मंत्री पद व अहम विभाग मांग सकती है।
राज्य में नई सरकार के गठन पर चर्चा के लिए शुक्रवार को भाजपा आलाकमान ने सुशील मोदी की दिल्ली बुलाया है और सूत्रों की मानें तो पार्टी ने भाजपा विधायक दल के नेता चुनने की जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी है। राजनाथ सिंह 15 नवंबर को पटना में होने वाली बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे।
भाजपा कैबिनेट में चाहती है ज्यादा जगह
जानकारों का कहना है कि भाजपा, नीतीश कुमार को तो राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार है लेकिन कैबिनेट में अपनी ताकत के हिसाब से जगह लेना चाहती है। भाजपा इस बार कई अहम विभागों पर दावा करेगी, जो पहले जदयू के पास हुआ करते थे। इन विभागों और इसके अलावा कैबिनेट से जुड़ी चर्चा के लिए सुशील मोदी को दिल्ली बुलाया है।
राजग विधायक दल की बैठक भी रविववार को
सुशील मोदी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। तीनों नेता बिहार में भाजपा की भूमिका तय करेंगे। एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक भी 15 नवंबर को ही होनी है, इसमें नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता चुना जाएगा।
दो उपमुख्यमंत्री की संभावना
बता दें, बिहार चुनाव में भाजपा 74 सीटें जीतकर एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। अब तक सत्ता की सूत्रधार रही जदयू को इस बार 43 सीटें मिली हैं। वहीं ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि उपमुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा की ओर से अति पिछड़े वर्ग से किसी नाम को आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह साफ नहीं है कि सुशील मोदी की जगह किस को लाया जाएगा या उत्तर प्रदेश की तरह दो-दो उपमुख्यमंत्रियों का फॉर्मूला अपनाया जाएगा।
भाजपा की ओर से उपमुख्यमंत्री पद के लिए आरएसएस में जुड़े नेता कामेश्वर चौपाल का नाम चर्चा में है। चौपाल दलित समुदाय से आते हैं और वे 1989 में अयोध्या में राम जन्मभूमि की आधारशिला रखने के लिए चर्चित रहे हैं।
नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा
वहीं बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी मंत्रिपरिषद के त्यागपत्र को स्वीकृति प्रदान करते हुए अगली सरकार के गठन तक उन्हें पद पर (कार्यवाहक मुख्यमंत्री) बने रहने को कहा। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
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Sat Nov 14 , 2020
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