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अबू धाबी4 मिनट पहले
- मक्का में आने के समय यात्रियों को रिस्टबैंड दिया जाएगा, ताकि उनके आने-जाने की जानकारी मिल सके
- सभी यात्री 20 लोगों के समूह में रहेंगे, इनमें एक नेता होगा जो उनका मार्गदर्शन करेगा
कोरोनावायरस महामारी के बीच सऊदी अरब में इस बार 28 जुलाई से हज यात्रा की शुरुआत हो गई है जो कि 2 अगस्त तक चलेगी। पिछले साल जहां 25 लाख से ज्यादा लोग इसमें शामिल हुए थे, वहीं इस बार केवल 10 हजार लोगों को अनुमति मिली है।
इस बार जो लोग हज के लिए सऊदी पहुंचे हैं, उनकी पहले से ही कोरोनावायरस की जांच करा ली गई है। अधिकारियों ने कहा कि लगभग 70% तीर्थयात्री सऊदी अरब में रहने वाले विदेशी हैं, जबकि बाकी यहां के नागरिक हैं।
सऊदी अरब के पब्लिक सिक्योरिटी के डायरेक्टर खालिद बिन करार अल-हरबी ने कहा कि हज यात्रा को लेकर सुरक्षा संबंधी कोई चिंता नहीं है। महामारी के खतरे को देखते हुए तीर्थयात्रियों की संख्या को कम किया गया है।

काबा के चारों ओर परिक्रमा करते यात्री। इस बार सुरक्षा के लिहाज से यात्रियों की इलेक्ट्रॉनिक आईडी बनाई गई है। सभी की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है।
सऊदी सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए:
- इस बार सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। हज मंत्रालय के अधिकारी उमर अल मद्दाह ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से यात्रियों की इलेक्ट्रॉनिक आईडी बनाई गई है। सभी की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है।
- हज यात्रियों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कहा गया है। पवित्र शहर मक्का और इसके आसपास के पश्चिमी सऊदी अरब में यह यात्रा पांच दिनों में पूरी होती है। जो लोग इसमें शामिल हुए हैं, उनका तापमान चेक किया गया है। साथ ही बुधवार को थोड़े समय के लिए उन्हें क्वारैंटाइन भी किया गया।
- स्टेट मीडिया के मुताबिक, बुधवार को मेडिकल स्टाफ को यात्रियों के सामान की सफाई करते हुए देखा गया। यात्रियों को इलेक्ट्रॉनिक रिस्टबैंड दिए जाने की सूचना है, जिससे अफसरों को उनके ठिकाने और आने-जाने की जानकारी मिल सके।
- इस बार हज यात्रियों को महामारी से बचाव के लिए खास ड्रेस दी गई है। यह सिल्वर नैनो टेक्नोलॉजी से लैस है। इस टेक्नोलॉजी से जीवाणुओं को मारा जा सकता है। सउदी सरकार ही यात्रियों के रहने, खाने, आने-जाने और स्वास्थ्य का खर्च उठा रही है।
- इस साल काबा को छूना और किस करने पर मनाही है। सभी हज यात्रियों के लिए 1.5 मीटर तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य किया गया है। अधिकारियों ने यात्रियों के लिए हेल्थ फैसिलिटी, मोबाइल क्लीनिक और एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।
- हज मिनिस्ट्री के प्रोग्राम डॉक्युमेंट के अनुसार, जायरीनों को डिसइन्फेक्ट किए गए पत्थर, सैनिटाइजर, मास्क, प्रार्थना की दरी, और एहराम (हज के दौरान पहना जाने वाला सफेद कपड़ा) दिया जाएगा।
- इस साल के हज से विदेशी मीडिया को रोक दिया गया है। मक्का के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

सउदी सरकार ही यात्रियों के रहने, खाने, आने-जाने और स्वास्थ्य का खर्च उठा रही है। इस साल के हज से विदेशी मीडिया को रोक दिया गया है।
लॉटरी से भी यात्रियों को चुने जाने की खबर
हज मंत्रालय ने कहा कि लगभग 160 देशों के गैर-सऊदी निवासियों ने ऑनलाइन चयन प्रक्रिया में भाग लिया। हालांकि, यह नहीं बताया कि कैसे लोगों ने आवेदन किया था। कुछ निराश लोगों ने शिकायत की है कि सरकार द्वारा संचालित लॉटरी को स्पष्ट नहीं किया गया था। उनके रिजेक्शन का कारण नहीं बताया गया था।
महामारी के चलते आर्थिक नुकसान
एक्सपर्ट का कहना है कि महामारी के चलते लोगों की संख्या सीमित कर दी गई है। इस कारण सरकार को काफी नुकसान हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक, हज यात्रा हर साल सऊदी अरब के जीडीपी में 12 बिलियन डॉलर (करीब 90 हजार करोड़ रु.) का योगदान देती है।
पहले कहा गया था 1 हजार लोग ही यात्रा करेंगे
सऊदी अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि देश में रहने वाले केवल 1,000 तीर्थयात्रियों को हज करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 10,000 लोगों को भाग लेने की अनुमति दी गई है।
भारत से इस साल 2 लाख लोगों ने आवेदन किया था
2020 में हज के लिए 2 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था। मार्च तक 1.18 लाख लोग रजिस्टर्ड हुए थे। इसमें से जून के पहले हफ्ते में 16 हजार लोगों से रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराया था। वहीं, महरम (पुरुष साथी) के बिना इस साल 2300 से ज्यादा महिलाएं यात्रा करने वाली थीं। इन महिलाओं को इसी आधार पर 2021 में यात्रा पर भेजा जाएगा।
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