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पटनाएक घंटा पहले
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अयोध्या रवाना होने से पहले कामेश्वर चौपाल ने कहा कि भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए पूरा बिहार संकल्पित है।
- राम मंदिर निर्माण के ट्रस्टी में 15 सदस्य हैं, इनमें कामेश्वर चौपाल भी शामिल हैं
- सुपौल के रहने वाले दलित नेता कामेश्वर चौपाल की राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका थी
राम मंदिर निर्माण के जन्मभूमि समारोह में शामिल होने के लिए कामेश्वर चौपाल रविवार को अयोध्या रवाना हो गए। इससे पहले बांकी विधायक नितिन नवीन समेत कई नेताओं ने उनका अभिनंदन किया और उन्हें चांदी के पात्र, पान, सुपारी, अक्षत और नारियल भेंट की गई। इस दौरान भक्तों ने जय श्री राम के नारे भी लगाए।
कामेश्वर चौपाल ने कहा कि भगवान श्रीराम के साथ पूरा बिहार संकल्पित है। सीता बिहार की बेटी और राम की शक्ति थी। सीता ने पुरखों के कलाई में राखी बांधी होगी और हमारे पुरखों ने भी संकल्प लिया होगा कि सीता की हर परिस्थिति में साथ खड़े होंगे। आज पूरा बिहार इस संकल्प के साथ खड़ा है कि राम के जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर बनाएंगे, जहां राम भी स्थापित होंगे और मां सीता भी सम्मानित होकर बैठेंगी। मंदिर बनाने में पूरा बिहार योगदान देगा।

अयोध्या रवाना होने से पहले पटना में नेताओं ने उनका अभिनंदन किया और उन्हें चांदी के पात्र, पान, सुपारी, अक्षत और नारियल भेंट की गई।
कौन हैं कामेश्वर चौपाल?
सुपौल के रहने वाले कामेश्वर चौपाल वही नेता हैं, जिन्होंने 1989 में राम मंदिर की नींव के लिए पहली ईंट रखी थी। जब राम मंदिर के लिए पहली ईंट रखी जानी थी तब पूरे भारत के हिंदू विद्वानों ने कामेश्वर चौपाल के नाम का चयन किया था। इसके पीछे मुख्य वजह ये थी कि दलित नेता कामेश्वर चौपाल ने राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद 15 ट्रस्टी की घोषणा हुई। इसमें एक नाम कामेश्वर चौपाल का भी था। चौपाल दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। वह श्रीराम लोक संघर्ष समिति के बिहार प्रदेश के संयोजक और भाजपा के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं।
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