बिहार में बाढ़ की स्थिति (फाइल)
– फोटो : पीटीआई
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बाढ़ की त्रासदी से प्रभावित ग्राम पंचायतों की संख्या शनिवार के मुकाबले 1043 से बढ़कर 1059 हो गई। मुजफ्फरपुर जिले में रविवार तड़के तिरहुत नहर का तटबंध टूट जाने से मुरौल प्रखंड के कम से कम एक दर्जन गांवों में पानी भर गया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की दो टीमें मौके पर तैनात की गई हैं । मुजफ्फरपुर 16.89 लाख बाढ़ प्रभावितों के साथ बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिला है।
वहीं, दरभंगा जिला दूसरे नंबर पर है जहां बाढ़ से 12.40 लाख लोग बेहाल हैं। पूर्वी चंपारण 8.09 लाख बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ तीसरे नंबर पर है। राज्य में बाढ़ प्रभावित कुल लोगों में आधे मुजफ्फपुर और दरभंगा जिलों में हैं। जिन 13 लोगों की बाढ़ जनित घटनाओं में मौत हुई है, उनमें सात दरभंगा के थे, चार पश्चिम चंपारण के और दो मुजफ्फरपुर के थे। एनडीआरएफ की 20और एसडीआरएफ की 11 टीमें बचाव अभियान में लगी हैं।
एनडीआरएफ के बचाव दलों ने अब तक 4.03 लाख लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकाला है। बता दें कि राज्य में बागमती, बूढ़ी गंडक, कमलाबलान, अधवारा, खिरोई, महानंदा और घाघरा जैसी नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सीतामढ़ी शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सिवान और मधुबनी बाढ़ प्रभावित 14 जिले हैं।