- एबीएम ने नजारत के 12.20 करोड़ गलत तरीके से सृजन के खाते में किए थे ट्रांसफर
- एबीएम ने डिस्चार्ज पिटीशन दिया था सीबीआई कोर्ट में
दैनिक भास्कर
Jun 17, 2020, 06:17 AM IST
भागलपुर. सृजन घोटाला में फंसे पटल बाबू रोड स्थित इंडियन बैंक के पूर्व सहायक शाखा प्रबंधक राकेश कुमार को हाईकोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया। फारबिसगंज में प्रोफेसर कॉलोनी के वार्ड-25 के रहने वाले राकेश 2014 में भागलपुर में पदस्थ थे। उनपर सीबीआई ने अारोप लगाया था कि मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार 75 रुपए के चेक जिला विकास शाखा के खाता 6268727981 में ट्रांसफर ना कर सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खाता- 822726685 में ट्रांसफर किया। यह रकम तत्कालीन डीएम ने तिलकामांझी में ओबीसी बैंक के चेक-929602 से ब्रांच मैनेजर, इंडियन बैंक के नाम दिया था। आरोपी राकेश ने नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव और बैंककर्मी अजय कुमार पांडे के साथ साजिश कर पैसे सृजन के खाते में डाले।
क्यू छोड़ने में रिजर्व बैंक के नियम तोड़े थे
सीबीआई का आरोप है, राकेश को तत्कालीन क्लर्क राहुल कुमार ने क्यू बनाकर दिया था। क्यू छोड़ने से पहले इतनी बड़ी रकम थर्ड पार्टी के एकाउंट में ट्रांसफर के पहले राकेश को आरबीआई नियम के मुताबिक डीएम ऑफिस को फोन करना था। यह राकेश ने नहीं किया। सीबीआई के वकील बिपिन कुमार सिन्हा ने कहा कि चार्जशीट के पेज 61 पर उल्लेख है कि राकेश ने सिर्फ इस आधार पर रकम ट्रांसफर किया था कि चेक के पीछे लिखा था … प्लीज क्रेडिट टू 822726685। मामला फंसता देख राकेश के वकील रमाकांत शर्मा ने कहा कि सीबीआई कोर्ट अब तक राकेश पर चार्ज फ्रेम नहीं कर सका है। बिना चार्ज फ्रेम के ट्रायल नहीं हो पा रहा है। इस पर सीबीआई ने कहा, राकेश ने डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल किया है। जस्टिस शिवाजी पांडेय ने सीबीआई कोर्ट को डिस्चार्ज पिटीशन की सुनवाई जल्द करने को कहा।