न्यूयॉर्क16 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

पाकिस्तान ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की एक कमेटी के सामने दो भारतीयों को आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। इस कमेटी ने पाकिस्तान का प्रस्ताव खारिज कर दिया। भारत ने इसके लिए सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्यों का शुक्रिया अदा किया है। (फाइल)
- यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में शामिल अमेरिका और ब्रिटेन समेत सभी देशों ने पाकिस्तान का प्रस्ताव खारिज किया
- साल की शुरुआत में भी पाकिस्तान ने यही हरकत की थी, तब भी उसके इरादे कामयाब नहीं हो पाए थे
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान की भारत के खिलाफ एक और चाल नाकम हो गई। पाकिस्तान ने दो भारतीयों को आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव पेश किया। इसे सिक्योरिटी काउंसिल ने खारिज कर दिया। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने यह जानकारी एक ट्वीट के जरिए दी। इस साल यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तान ने इस तरह की हरकत की। दोनों बार दो-दो भारतीयों को आतंकी घोषित कराने की कोशिश की और दोनों ही बार उसे नाकामी हाथ लगी।
कमेटी के सामने प्रस्ताव
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की एक कमेटी है, जिसे 1267 कमेटी कहा जाता है। यह आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी भी देश के नागरिकों को प्रतिबंधित सूची में रख सकती है। इनकी जांच की जाती है। फिर इन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं। इनमे ट्रैवल बैन और अकाउंट फ्रीज करना शामिल है। पाकिस्तान ने दो भारतीयों अंगारा अप्पाजी और गोविंदा पटनायक को आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।
नहीं मिला समर्थन
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में शामिल अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और बेल्जियम ने पाकिस्तान का यह प्रस्ताव खारिज करते हुए इस पर आगे की कार्रवाई भी रोक दी। तिरूमूर्ति ने कहा- पाकिस्तान 1267 कमेटी का इस्तेमाल अपनी सियासत के लिए करना चाहता है। वो इसे मजहबी रंग देना चाहता है। लेकिन, यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने उसकी चाल कामयाब नहीं होने दी। हम इसके लिए इन मेंबर्स के शुक्रगुजार हैं।
एक साल में दूसरी बार मुंह की खाई
खास बात यह है कि पाकिस्तान ने इस साल लगातार दूसरी बार भारतीय नागरिकों को आतंकवादी घोषित कराने की कोशिश की और दोनों ही बार उसकी चाल नाकाम हो गई। जनवरी में उसने दो भारतीय नागरिकों अजॉय मिस्त्री और वेणु माधव डोंगरा की गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए इन्हें आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन, तब भी यह चाल उल्टी साबित हुई।
यह हरकत बार-बार क्यों
इसकी कई वजह हैं। लेकिन, हालिया घटनाक्रम ज्यादा अहम है। दरअसल, भारत ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फाउंडर मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए और साबित कर दिया कि वो भारत में आतंकी हमले करवाने की साजिश में शामिल है। सबूतों से साफ हो गया था कि अजहर के लिंक अल कायदा और तालिबान से भी हैं। इसके बाद यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने जैश सरगना को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर दिया। पाकिस्तान अब भारत से इसी का बदला लेने की कोशिश कर रहा है।
0