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बिहार के मदरसों के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया जाएगा। राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र इस वर्ष अप्रैल में शुरू हुए शैक्षिणक सत्र के दौरान हिंदी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों की भी पढ़ाई करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों को समाज के साथ चलने में मदद के मकसद से बोर्ड ने आधुनिक और मुख्यधारा पाठ्यक्रम को मदरसों के पारंपरिक अध्ययन के साथ जोड़ा है। अमूमन मदरसों के पाठ्यक्रम में इस्लामिक शिक्षा एवं अरबी के पारंपरिक पाठ्यक्रम ही शामिल होते हैं।
राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल कय्यूम अंसारी ने पीटीआई से कहा कि राज्य भर के 4,000 मदरसों में पढ़ने वाले करीब आठ लाख छात्र अब अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और गणित भी पढ़ सकेंगे। कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों को अरबी और इस्लामिक अध्ययन के साथ ही अब इन विषयों को भी पढ़ाया जाएगा।
अंसारी ने कहा, ‘समाज के साथ चलने के मद्देनजर हमने वर्तमान सत्र से राज्य के सभी मदरसों में आधुनिक एवं मुख्यधारा के पाठयक्रमों को शुरू किया है।’ उन्होंने कहा कि मदरसे के छात्र अब दसवीं कक्षा के बाद विज्ञान, कला और कॉमर्स विषयों में से चयन कर सकते हैं।