Ground report From Pune’s red light area in Budhwar Peth | पुणे के बुधवार पेठ में टेम्परेचर चेक, मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर जरूरी; कई तो ग्राहकों को नहला भी रहे हैं

पुणे5 घंटे पहलेलेखक: आशीष राय

  • लॉकडाउन लगते ही बुधवार पेठ को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया और रेड लाइट एरिया जाने वाली हर सड़क को ब्लॉक कर दिया, 24 घंटे पुलिस तैनात रहती थी
  • अनलॉक-1 के बाद यहां नियमों के साथ देह व्यापार शुरू करने की मंजूरी दी गई, 5 पॉजिटिव केस आने के बाद जुलाई में इसे 15 दिन के लिए बंद करना पड़ा

एक लाख अस्सी हजार से ज्यादा मरीजों के साथ पुणे देश का सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों वाला शहर बन चुका है। बाकी दुनिया की तरह महामारी ने यहां रहने वालों की लाइफस्टाइल बदलकर रख दी है। शहर की पुरानी रौनक लगभग गायब हो चुकी है। बदलाव देश के तीसरे सबसे बड़े रेड लाइट एरिया यानी बुधवार पेठ में भी देखने को मिल रहा है।

कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन, एनजीओ और यहां रहने वाली सेक्स वर्कर महिलाओं की ओर से जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं। लॉकडाउन लगने के 4 महीनों तक एक भी केस सामने नहीं आया था। पर अब आने लगे हैं, पिछले कुछ दिन में ही 40 से ज्यादा केस सामने आए हैं। हालांकि, अब एक्टिव केस सिर्फ 15 ही बचे हैं। गनीमत यह कि अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है।

लॉकडाउन लगते ही आखिर किया क्या?
बुधवार पेठ के वार्ड ऑफिसर सचिन टामखेड़े कहते हैं, ‘लॉकडाउन लगते ही इस इलाके को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। रेड लाइट एरिया में जाने वाली हर सड़क को ब्लॉक कर दिया। पुलिस की एक टीम 24 घंटे यहां तैनात रहती थी। यहां होने वाली वेश्यावृति को पूरी तरह से रोक दिया गया।’ इसके साथ ही घर-घर जा कर सैनिटाइजेशन का काम किया गया। यहां रहने वाली ज्यादातर महिलाओं और उनके परिवार के लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें कोई लक्षण मिला तो उन्हें दवाइयां दी गईंं। जो महिलाएं यहां से अपने घर जाना चाहती थीं, उन्हें घर पहुंचाने के इंतजाम किया गया। मार्च से शुरू हुई यह प्रक्रिया अब तक जारी है।

इलाके में भीड़ को देखते हुए यहां रहने वालों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। नियमों को सख्ती से पालन करवाने के लिए निगम की टीम इस इलाके में छापेमारी करती है और बिना मास्क के घूमने वालों पर जुर्माना लगाती है। इसका परिणाम यह हुआ कि भीड़भाड़ वाला इलाका होने के बावजूद यहां अभी तक इतने कम केस हैं।

अनलॉक-1 के ठीक बाद यहां नियमों के साथ देह व्यापार को फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी गई थी। हालांकि, 5 पॉजिटिव केस सामने आने के बाद जुलाई के आखिरी सप्ताह में इसे 15 दिनों के लिए बंद करना पड़ा। अब हालात फिर से सामान्य हो चुके हैं। यहां काम करने वाले एनजीओ ‘सहेली संघ’ की तेजस्वी सेवेकारी के मुताबिक, ज्यादातर सेक्स वर्कर अब वापस काम पर आ चुकी हैं। निगम अधिकारियों के साथ मिलकर एनजीओ ने एक खास एसओपी तैयार की है। ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने के लिए उन्हें वीडियो-ऑडियो क्लिप के जरिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

तेजस्वी कहती हैं, “हम यहां कई साल से काम कर रहे हैं, लेकिन कभी भी इस तरह की परेशानी नहीं देखने को मिली। राज्य का पहला मामला पुणे में ही आया था। जानकारी जैसे ही हमें हुई, हमने यहां की महिलाओं को कोरोना को लेकर आगाह किया।’ वह कहती हैं, “यहां तकरीबन 2500 रजिस्टर्ड सेक्स वर्कर्स हैं। शुरू में उन्हें समझाना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन शहर में जैसे-जैसे केस बढ़े महिलाएं खुद सामने आईं और उन्होंने ग्राहकों को मना करना शुरू कर दिया। तकरीबन 4 से 5 दिन में यह इलाका सील हो गया और कंटेनमेंट जोन नहीं होने के बावजूद पूरे लॉकडाउन के दौरान तकरीबन 100 दिनों तक यह इलाका सील रहा।’

सेक्स वर्कर ने कहा-भूखे मरने की नौबत आई
तेजस्वी सेवकारी कहती हैं, “जब इन औरतों के लिए भूख से मरने की नौबत आ गई तो इन्होंने संक्रमण से बचने के लिए वीडियो कॉल के जरिए या ‘फोन सेक्स’ का विकल्प भी आजमाना शुरू कर दिया। ये गूगल पे या पेटीएम के जरिए पैसे ले रही हैं।’ बुधवार पेठ में 7 साल से बतौर सेक्स वर्कर काम करने वाली सुप्रिया (बदला हुआ नाम) कहती हैं, “ऐसी परेशानी हमने नोटबंदी के समय भी नहीं देखी थी। हमारा इलाका सील था। हम घरों में कैद थे, बाहर सामान लाने भी नहीं जा सकते थे। कमाई पूरी तरह से बंद हो गई थी। हमने भी तय किया था कि हम अपनी खातिर दूसरे की जान खतरे में नहीं डालेंगे।”

पड़ताल में भी ये सब बातें और दावे सच निकले

इस तमाम दावों के बावजूद हमने एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ मिलकर इस इलाके की पड़ताल की। उन्हें ग्राहक बनाकर एक ब्रोथल पर भेजा गया। वे जैसे ही ब्रोथल के भीतर जाने लगे तो उनसे मास्क और हाथ में ग्लव्स पहनने को कहा गया।

ब्रोथल पर पहुंचने पर हाथ में डंडा लेकर बैठी ब्रोथल (कोठे) की संचालिका ने उन्हें रोक लिया। कमरे में घुसने से पहले ही उनसे रेट तय किया गया और उसने एडवांस में पैसे लिए गए। संचालिका ने उनके हाथ सैनिटाइज करवाए और उनसे अपने पर्स और मोबाइल को बाहर जमा करवाने को कहा।

भास्कर की पड़ताल में ये बात सामने आई कि यहां आने वाले हर ग्राहक की जांच हो रही है। मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य है। साथ ही आने वाले हर ग्राहक को नहलाया भी जा रहा है।

भास्कर की पड़ताल में ये बात सामने आई कि यहां आने वाले हर ग्राहक की जांच हो रही है। मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य है। साथ ही आने वाले हर ग्राहक को नहलाया भी जा रहा है।

इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद एक महिला को चुना और उन्हें लेकर एक कमरे की और जाने लगे। महिला उन्हें लेकर एक बाथरूम में गई और वहां उन्हें नहाने के लिए कहा। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कमरे में मौजूद महिलाओं के चेहरे मास्क या कपड़े से ढंके हुए हैं।

वीडियो में नजर आने वाले शख्स ने बताया कि यहां पुलिस की कड़ाई की वजह से वायरस का संक्रमण नहीं फैला। यहां 4-5 संस्थाओं ने मिलकर राशन बांटने और सब्जियां और फल देने का काम किया। जिनकी तबियत खराब होती है उसे अलग-अलग हॉस्पिटल में ले जाया गया। वे पिछले 6 महीने से लगातार सभी के स्वास्थ्य की देखभाल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

यह भी पढ़ें :

1. रांची के सेक्स वर्कर्स की कहानी : जो इसी पेशे के बूते बच्चों की पढ़ाई के लोन, बूढ़ी मां का इलाज कराती थीं अब आर्थिक तंगी से जूझ रहीं

2. रेड लाइट इलाके से रिपोर्ट : कुछ ग्राहक आना शुरू हुए हैं, वो डरते हैं तो एनजीओ वाले आदमी ने जो सैनिटाइजर दिए हैं, उससे उनके हाथ साफ कर देते हैं

0

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Bihar CM Nitish Kumar Virtual rally prepration in final stage, JDU claims - more than 30 lakh people will join | नीतीश की कल वर्चुअल रैली, व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा; जदयू का दावा- 30 लाख से ज्यादा लोग जुड़ेंगे

Sun Sep 6 , 2020
Hindi News Local Bihar Bihar CM Nitish Kumar Virtual Rally Prepration In Final Stage, JDU Claims More Than 30 Lakh People Will Join पटना40 मिनट पहले कॉपी लिंक जदयू दफ्तर में सुबह 11.30 बजे वर्चुअल रैली शुरू होगी और पूरे बिहार की जनता को नीतीश संबोधित करेंगे। रैली के जरिए […]

You May Like