Incident Of Firing Took Place On Lac In Eastern Ladakh Sector – चीन का दावा, पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हुई फायरिंग, भारतीय सेना पर लगाया आरोप

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चीन ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर गोलीबारी का दावा किया है। ये वही जगह है जहां पिछले तीन महीने से भारत और चीन के सैनिकों के बीच गहमागहमी बनी हुई है। दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं। इसे लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत पर आरोप लगाने का पुराना खेल खेला है। 
 

चीनी सेना ने दावा किया है कि पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा  का उल्लंघन करते हुए फायरिंग की है। हालांकि, भारतीय सेना या भारत सरकार की ओर से इस पर अभी कोई बयान नहीं आया है।  

चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के ट्विटर हैंडल पर वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है, भारतीय सेना ने एकबार फिर गैर-कानूनी रूप से शेनपाओ की पहाड़ियों में पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट के पास सोमवार को एलएसी का उल्लंघन किया।

ग्लोबल टाइम्स के एक दूसरे ट्वीट में प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि भारतीय सैनिकों द्वारा पीएलए के सीमा गश्ती दल के सैनिकों पर चेतावनी भरी फायरिंग करने के बाद चीनी सैनिकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 
 

वार्ता फिर रही नाकाम
बता दें कि भारतीय और चीनी सेनाओं ने तनाव को कम करने के प्रयासों में पूर्वी लद्दाख में रविवार को एक और दौर की वार्ता की। दोनों पक्षों द्वारा पिछले हफ्ते बनी टकराव की स्थिति के बाद अतिरिक्त सैनिकों तथा हथियारों को पहुंचाने के कारण स्थिति नाजुक बनी हुई है।

चुशूल के पास करीब चार घंटे तक चली ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत में कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना उच्च स्तर की सतर्कता बरत रही है और इलाके में किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में हालात नाजुक बने हुए हैं।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय इलाके पर कब्जे के लिए चीन द्वारा 29 अगस्त और 30 अगस्त को की गई असफल कोशिश के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण में रणनीतिक रूप से अहम कई ऊंचाई वाले स्थानों पर मुस्तैदी बढ़ा दी है।

चीन की घुसपैठ की कोशिश के मद्देनजर भारत ने अतिरिक्त जवानों को भेजा है और संवेदनशील इलाकों में हथियारों की तैनाती की है। चीन द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने की कोशिश के मद्देनजर भारत ने इलाके में अपनी सैन्य उपस्थिति और बढ़ा दी है।
 
उल्लेखनीय है कि 15 जून को दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया था जब भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवां घाटी में हिंसक झड़प हुई और भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। चीन की ओर से झड़प में हताहतों की जानकारी नहीं दी गई लेकिन अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक मारे गए थे।

 

चीन ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर गोलीबारी का दावा किया है। ये वही जगह है जहां पिछले तीन महीने से भारत और चीन के सैनिकों के बीच गहमागहमी बनी हुई है। दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं। इसे लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत पर आरोप लगाने का पुराना खेल खेला है। 

 

चीनी सेना ने दावा किया है कि पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा  का उल्लंघन करते हुए फायरिंग की है। हालांकि, भारतीय सेना या भारत सरकार की ओर से इस पर अभी कोई बयान नहीं आया है।  

चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के ट्विटर हैंडल पर वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है, भारतीय सेना ने एकबार फिर गैर-कानूनी रूप से शेनपाओ की पहाड़ियों में पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट के पास सोमवार को एलएसी का उल्लंघन किया।

ग्लोबल टाइम्स के एक दूसरे ट्वीट में प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि भारतीय सैनिकों द्वारा पीएलए के सीमा गश्ती दल के सैनिकों पर चेतावनी भरी फायरिंग करने के बाद चीनी सैनिकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 
 

वार्ता फिर रही नाकाम
बता दें कि भारतीय और चीनी सेनाओं ने तनाव को कम करने के प्रयासों में पूर्वी लद्दाख में रविवार को एक और दौर की वार्ता की। दोनों पक्षों द्वारा पिछले हफ्ते बनी टकराव की स्थिति के बाद अतिरिक्त सैनिकों तथा हथियारों को पहुंचाने के कारण स्थिति नाजुक बनी हुई है।

चुशूल के पास करीब चार घंटे तक चली ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत में कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना उच्च स्तर की सतर्कता बरत रही है और इलाके में किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में हालात नाजुक बने हुए हैं।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय इलाके पर कब्जे के लिए चीन द्वारा 29 अगस्त और 30 अगस्त को की गई असफल कोशिश के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण में रणनीतिक रूप से अहम कई ऊंचाई वाले स्थानों पर मुस्तैदी बढ़ा दी है।

चीन की घुसपैठ की कोशिश के मद्देनजर भारत ने अतिरिक्त जवानों को भेजा है और संवेदनशील इलाकों में हथियारों की तैनाती की है। चीन द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने की कोशिश के मद्देनजर भारत ने इलाके में अपनी सैन्य उपस्थिति और बढ़ा दी है।
 
उल्लेखनीय है कि 15 जून को दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया था जब भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवां घाटी में हिंसक झड़प हुई और भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। चीन की ओर से झड़प में हताहतों की जानकारी नहीं दी गई लेकिन अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक मारे गए थे।

 



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