पटना5 घंटे पहले
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विधायक अरुण कुमार सिन्हा के विरोधियों द्वारा आयोजित लिट्टी चोखा भोज में शामिल भाजपा कार्यकर्ता।
- कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अपनी ही पार्टी के वर्तमान विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया
- पार्टी नेताओं ने भ्रष्टाचार से लेकर जनसमस्याओं की अनदेखी तक का आरोप अपने विधायक पर लगाया है
बिहार में चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही बाकी हो, लेकिन सभी पार्टियों में सियासी घमासान शुरू हो चुका है। यहां तक कि सत्ताधारी बीजेपी भी इससे नहीं बची है। ताजा मामला बीजेपी की राज्य में सबसे सुरक्षित सीट कहे जाने वाले कुम्हरार विधानसभा से जुड़ा है। जहां के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अपनी ही पार्टी के वर्तमान विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पार्टी नेताओं ने भ्रष्टाचार से लेकर जनसमस्याओं की अनदेखी तक का आरोप अपने विधायक पर लगाया है। पीएम के जन्मदिन के मौके पर आज जहां विधायक अरुण कुमार सिन्हा अपने आवास पर पीएम की लंबी उम्र के लिए हवन करते रहे, वहीं दूसरी तरफ उनके विरोधियों ने केक काट कर पीएम का जन्मदिन मनाया और इसके बाद लिट्टी चोखा भोज का आयोजन कर विधायक के खिलाफ खुलकर विरोध का मोर्चा खोल दिया।
पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी दीपक अग्रवाल ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर बीजेपी ने इस बार कुम्हरार से अपना प्रत्याशी नहीं बदला तो वो और उनके जैसे सैंकड़ों भाजपा कार्यकर्ता चुनाव प्रचार के कार्य से अलग हो जाएंगे। इससे पहले भी भाजपा कार्यकर्ताओं के एक गुट ने बैनरो के जरिए अरुण कुमार सिन्हा को हटाने की मांग की थी।
कुम्हरार सीट पर हो रहा ये विरोध इसलिए अहम है क्योंकि कुम्हरार भाजपा की उन शहरी सीटों में एक है जहां 1990 से लगातार भाजपा जीतती आ रही है। वर्तमान विधायक अरुण कुमार सिन्हा लगातार चार बार यहां से जीत चुके हैं और इससे पहले इस विधानसभा से बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी जीत कर विधानसभा जाते रहे थे। पटना की ये उन सीटों में से एक है जहां विरोधी पार्टियों को मैदान में उतारने के लिए उम्मीदवारों की भी किल्लत महसूस होती है। लेकिन अब जब खुद भाजपा के कार्यकर्ता ही अपनी पार्टी को अल्टीमेटम दे रहे हैं तो ऐसे में देखना होगा की भाजपा इस मुश्किल से कैसे बाहर निकलती है।
क्या कह रहे हैं विधायक जी
अपने उपर लग रहे संगीन आरोपों और बयानी हमलों पर भाजपा के अरुण कुमार सिन्हा शायराना जबाब देते हैं। अरुण कुमार सिन्हा की माने तो कुछ तो लोग कहेंगें लोगों का काम है कहना। वैसे बात इतनी भी हल्की नहीं इस बात का अहसास उन्हें भी है इसलिए कहते हैं कुछ लोग मुझे झुकाना चाहते हैं और इसलिए ऐसी बातें कह रहे हैं। वो कहते हैं मैने यहां से पार्टी को तब 37000 हजार वोटों से बढ़त दिलाई थी जब 2015 के चुनाव में जदयू और बीजेपी अलग-अलग लड़ रही थी। इस बार पार्टी को रिकॉर्ड मतों से जीत दिलाने का वादा करता हूं।
अब देखना होगा पार्टी क्या करती है, लेकिन सच तो ये है कि बीजेपी मुश्किल में बस कुम्हरार में नहीं बल्कि पटना के बाकी कई सीटों बांकीपुर, दानापुर में भी पार्टी के अंदर से ही विरोधों को झेल रही हैं।
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