पटना2 घंटे पहले
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- इंटरनेट व्याॅस से करता था बात, पूछताछ के बाद गिरफ्तार एजेंट को भेजा गया जेल
जूता दुकान की आड़ में फर्जी आईडी पर ट्रेन का ई-टिकट बनाने वाला रामकृष्णानगर से गिरफ्तार एजेंट सुधीर कुमार पेटीएम से रीयल मैंगाे समेत अन्य साॅफ्टवेयर का पैकेज खरीदता था। दाे से पांच हजार के इस पैकेज काे वह बेंगलुरु में रहने वाले सरगना से खरीद कर यह गाेरखधंधा कर रहा था। आरपीएफ अब पेटीएम काे सुधीर द्वारा खरीदे गए साॅफ्टवेयर के बारे में पूरा ब्याेरा देने के लिए पत्र लिखेगी।
पुलिस पूछेगी कि किसके खाते से रकम का भुगतान हाेता था और काैन इसे पैकेज देता था। ये जानकारी मिलने के बाद पुलिस बेंगलुरु के उस सरगना से लेकर बिहार में जुड़े अन्य लाेगाें का पता लगाकर उनपर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। जांच में पता लगा है कि सुधीर इन शातिराें से इंटरनेट व्याॅस से बात करता था ताकि किसी का माेबाइल नंबर पुलिस काे पता नहीं चल सके।
सूत्राें के अनुसार, 9 सितंबर काे आलमगंज से गिरफ्तार कासिफ जाकिर के लैपटाॅप से ही सुधीर के बारे में सुराग मिला था। उसके बाद पटना जंक्शन आरपीएफ की टीम ने शनिवार की देर शाम जगनपुरा स्थित सुधीर की जूता दुकान में छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। उसके पास से पुलिस ने 12 लाख के 548 ई-टिकट बरामद किए थे। पूछताछ के बाद रविवार काे पुलिस ने सुधीर काे जेल भेज दिया।
लैपटाॅप काे फाेरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा
पुलिस ने उसके पास से एक लैपटाॅप, एक डेस्कटाॅप, माेबाइल, सीपीयू, सिग्नेचर ड्राइव आदि बरामद किया था। उसने लैपटाॅप से कई फाइल और प्रमुख डाॅक्यूमेंट काे डिलीट कर दिया है। लैपटाॅप की फाेरेंसिक जांच कराई जाएगी। इसे पुलिस काेलकाता भेजेगी। माेबाइल व डेस्कटाॅप में भी इस धंधे से जुड़े कई अहम राज हैं।
15 हजार के ई-टिकट काे रद्द कराया जाएगा
पटना जंक्शन आरपीएफ पाेस्ट प्रभारी विनाेद सिंह ने बताया कि सुधीर के पास से 15 हजार के टिकट 20 सितंबर के बाद के मिले हैं। पुलिस ने इन टिकटाें काे रद्द कराने के लिए रेलवे प्रशासन काे लिखा है।
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