पटना24 मिनट पहले
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बिहार चुनाव को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वर्चुअल सभा में किसानों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की।
- केंद्रीय कृषि मंत्री ने बिहार के किसानों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की
- स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों पर कांग्रेस से मांगा घोषणा पत्र को लेकर जवाब
संसद द्वारा हाल में पास किए गए तीन कृषि बिलों पर देश में हुए हंगामे और इन सबके बीच हो रहे बिहार चुनाव को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि जब नरेंद्र मोदी की सरकार बारी बारी से स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू कर कर रही है तो कांग्रेस जैसी पार्टियां बेवजह बवाल खड़ा कर रही हैं।
भाजपा की तरफ से आयोजित किसान प्रतिनिधियों और पंचायती राज प्रतिनिधियों के साथ एक वर्चुअल सभा में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कृषि बिल पर सरकार की मंशा को स्पष्ट करने के साथ ही बिहार के किसानों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में की गई स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को यूपीए सरकार ने बिचौलियों के दबाव में लागू करने की हिम्मत नहीं जुटाई। कृषि बिल से न सिर्फ देशभर के किसानों को फायदा होगा बल्कि बिहार के गांव, खेत-किसान खुशहाल हो सकेंगे।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने आत्मनिर्भर पैकेज के तहत एक लाख करोड़ रुपए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए दिया है। फूड प्रोसेसिंग के लिए 10 हजार करोड़ रुपए दिया है। इस पैकेज से कृषि को नया तकनीक देने का काम किया जाएगा : श्री @nstomar pic.twitter.com/ZI8pxCfpCo
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) September 29, 2020
मंत्री ने कांग्रेस से मांगा घोषणा पत्र को लेकर जवाब
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 2019 के अपने घोषणा पत्र में ही स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का भरोसा किसानों को दिया था। अब जब नरेंद्र मोदी की सरकार इसे लागू करने की कोशिश कर रही है तो कांग्रेस अन्य पार्टियों के साथ मिलकर जनता को भ्रमित कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर कृषि बिल गलत है तो सबसे पहले कांग्रेस को अपने घोषणापत्र में स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का भरोसा दिलाने को लेकर जनता से माफी मांगनी चाहिए।
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कांग्रेस के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व बौना हो गया है और वह न तो कृषि को समझते हैं और ना ही देश के अच्छे या बुरे को। तोमर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार सुधार लाना चाहते थे लेकिन दबाव में ऐसा नहीं कर सके।
व्यापारी और किसानों के बीच की दूरी कम होगी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि बिल से आए बदलाव के बाद व्यापारी और किसानों के बीच की दूरी कम होगी। किसानों के उपज की खरीद के लिए व्यापारी खुद उनके घर तक आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यापारी एक गांव तक पहुंचता है तो गांव के सभी लोग अपनी उपज बेचने के लिए एक स्थान पर इकट्ठा होंगे। व्यापारी किसानों से चर्चा करने के बाद खरीद की दर तय करेगा। व्यापारी खरीद करेगा और उसे एक ट्रक में भरकर ले जाएगा। किसान को अपनी फसल की उपज बेचने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी।