नई दिल्ली। हाथरस गैंगरेप पीड़िता के साथ जो हुआ उससे पूरे देश में गुस्से का माहौल है। दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए हुए पीड़िता को कई जगह चोट पहुंचाई, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। पीड़िता की मां ने कहा कि जब मैंने अपनी बेटी को देखा तो उसके शरीर से बहुत खून बह रहा था। मैंने उसे अपने दुपट्टे और उसी खून से लथपथ कपड़े से उसे ढंक दिया। बेटी की जीभ कटी हुई थी। उन्होंने उस बयान को भी खारिज कर दिया, जिसमें हाथरस पुलिस ने कहा था कि पीड़िता की जीभ नहीं कटी थी। पीड़िता की मां ने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है।
भाइयों के कानों में पीड़िता ने बताया आरोपी का नाम
जानकारी के अनुसार दरअसल हाथरस पुलिस ने पिड़िता के जीभ काटे जाने की बात को नकार दिया है। पीड़िता की मां ने बताया कि हम बेहद असमंजस में थे और एकदम सदमे की स्थिति में थे। हमारी बेटी बेहोश थी। हमारी बेटी ने अपने भाइयों के कानों में से एक आरोपी का नाम लिया और बेहोश हो गई। हमने सोचा कि गांव के लड़के ने उसकी पिटाई की है।
बता दें कि गैंगरेप की पीड़िता खून से लथपथ कपड़े में थी और युवती करीब 3 बजे उसी कपड़ों में अलीगढ़ अस्पताल पहुंची। अलीगढ़ अस्पताल के मुताबिक पीड़िता को रात में लाया गया था और उनके शरीर से खून नहीं निकल रहा था।
एफआईआर के लिए करना पड़ा 8-10 दिन तक इंतजार
जानकारी के अनुसार वहीं, पीड़िता के भाई ने बताया कि पुलिस ने मेरी बहन के लिए एंबुलेंस भी नहीं मंगाई थी। बहन जमीन पर लेटी हुई थी। पुलिसवालों ने कह दिया था कि इन्हें यहां से ले जाओ। ये बहाने बनाकर लेटी हुई है। भाई ने कहा कि एफआईआर के लिए हमें 8-10 दिन तक इंतजार करना पड़ा था। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी। धरना-प्रदर्शन के बाद आगे की कार्रवाई हुई और आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया।
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