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- Tejashwi Yadav | Press Conference In Patna News Updates; RJD Patry Chief Attacks Narendra Modi Government On Bihar Flood Relief
पटना10 मिनट पहले
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प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार सरकार पर कोरोना और बाढ़ से जनता को राहत दिलाने में नाकाम रहने का आरोप लगाते तेजस्वी यादव।
- बाढ़ राहत पर बिहार के साथ केंद्र सरकार पर भी हमला बोला
- कहा- लॉकडाउन में आए बिहारी फिर काम की तलाश में वापस जा रहे हैं
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कोरोना संक्रमण के डर का क्वारैंटाइन दो ही दिन में टूट गया। शनिवार को सुबह उन्होंने अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। बाढ़ और कोरोना को लेकर बिहार के साथ केंद्र सरकार पर हमला बोलने के लिए बुलाई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया गया और न ही उन्होंने या साथ बैठे पांच अन्य नेताओं में से किसी ने मास्क ही लगाया। पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश सिंह को मनाने के लिए दो दिन पहले तेजस्वी दिल्ली गए थे। उनके साथ गए संजय यादव की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने बाढ़ और कोरोना को लेकर आंकड़ों की जानकारी दी। प्रेस कांफ्रेंस में उनकी बाईं तरफ जदयू से राजद में शामिल हुए श्याम रजक और दाईं तरफ पूर्व सांसद आलोक मेहता भी थे। तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने बाढ़ में लगातार क्षेत्र का भ्रमण किया और देखा कि बाढ़ से 16 जिलों के 84 लाख लोग किस तरह प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि जब कई बार आवाज उठाई, तब भी दो बार सीएम हवाई सर्वेक्षण करने गए। जनता को बाढ़ से राहत देने की जगह सरकार चुनाव कराने में लगातार जुटी है।
उन्होंने कहा कि सदन में नीतीश कुमार झूठ बोलते हैं। वह माननीय और सम्माननीय हैं, लेकिन देश के सबसे बड़े झूठे हैं। कोरोना के आंकड़े छिपाने से लेकर टेस्ट तक में झूठ बोल रहे हैं। वह तो सदन में भी झूठ बोलते रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने बिहार में कोई काम नहीं किया, अब चुनाव आया तो शिलान्यास करते फिर रहे हैं। रोजगार के दावे और विकास की तस्वीर एयरपोर्ट पर भी दिख रही है और गांवों में भी। बिहार के लोग लॉकडाउन में मरते-मरते आए और अब वापस जा रहे हैं। एयरपोर्ट पर इन्हीं की भीड़ है और बिहार के गांव-गांव में बसें आकर इन्हें ले जा रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया और न ही तेजस्वी व उनके साथ बैठे नेताओं ने मास्क लगाया।
बाढ़ और कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है बिहार सरकार
तेजस्वी ने कहा कि बिहार पर बाढ़ और कोरोना की दोहरी मार पड़ी है। सरकार बाढ़ और कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है। बाढ़ से 16 जिला के 84 लाख की आबादी प्रभावित है। सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई बंदोबस्त नहीं किया। पहले से किसी प्रकार की तैयारी नहीं की। कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार है तो बताएं कि केंद्र ने बाढ़ राहत के लिए कितना मदद दिया। केंद्र से बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए कोई टीम क्यों नहीं आई? मुख्यमंत्री सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में लगे हैं। उन्हें जनता की नहीं, अपनी कुर्सी की परवाह है।
सरकार बताए कि मुख्यमंत्री राहत कोष का पैसा कहां खर्च किया
अगस्त माह के 28 दिन में कोरोना के लगभग 80 हजार नए मरीज मिले हैं और 376 लोगों की मौत हुई है। मैंने कई बार कहा कि आरटीपीसीआर जांच बढ़ाने की जरूरत है। बिहार में रोज एक लाख से अधिक सैंपल की जांच हो रही है, लेकिन पॉजिटिव दो से ढाई हजार पाए जा रहे हैं। पहले जब रोज 10 हजार टेस्ट किया जाता था तब भी दो से ढाई हजार नए मरीज मिल रहे थे। अभी सिर्फ 6 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट हो रहे हैं। आरटीपीसीआर टेस्ट में लगभग 50 फीसदी सैंपल के रिपोर्ट पॉजिटिव मिल रहे हैं। सरकार लोगों को गुमराह करने में लगी है। मैं पूछता हूं कि मुख्यमंत्री राहत कोष में कितने पैसे आए और वे पैसे कहां खर्च हुए? सरकार इसका ब्योरा बताए।
15 साल में विकास किया तो पलायन को क्यों मजबूर हैं लोग
तेजस्वी के कहा कि 15 साल में नीतीश कुमार ने बिहार में विकास किया तो आज लोग पलायन करने को क्यों मजबूर हैं। कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा तो देशभर से लगभग 40 लाख मजदूर बिहार आए। मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि जितने मजदूर आएंगे उनके खाते में 1-1 हजार रुपए डालेंगे। हमने 10-10 हजार देने की मांग की थी। हमारी मांग पूरी करना तो दूर उन्होंने अपने 1 हजार देने के वादे को भी पूरा नहीं किया। अभी तक 50 फीसदी मजदूरों को पैसा नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि जितने प्रवासी आएंगे उन्हें रोजगार देंगे। गरीब मजदूर फिर से पलायन कर रहे हैं। नीतीश के आने के बाद 50 फीसदी पलायन बढ़ा है। हर दूसरा परिवार का आदमी रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने को मजबूर है। नीतीश बताएं कितने मजदूरों को रोजगार दिया। कितने की स्कील मैपिंग की।
जनता ने मौका दिया तो आर्थिक न्याय करेंगे
नीतीश का एजेंडा है झूठ को छिपाओ और लोगों को गुमराह करो। इसके लिए आजकल रोज घोषणा पर घोषणा कर रहे हैं। क्या चार साल तक इस बात का इंतजार कर रहे थे कि चुनाव करीब आएगा तो सभी आधे-अधूरे शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। आज बिहार के लोगों को रोजगार, सुरक्षा, बेहतर सुविधा और आर्थिक न्याय चाहिए। लालू यादव ने सामाजिक न्याय दिया था। अगर जनता मौका देती है तो हम बिहार की जनता के साथ आर्थिक न्याय करेंगे।
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