भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने प्रसव के दौरान एक गैंग रेप पीड़िता और उसके बच्चे की मौत पर संज्ञान लिया है। आयोग ने इस इस मामले में पुलिस अधीक्षक, सीहोर से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
मानव अधिकार आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीहोर जिले में रहने वाली एक मज़दूर महिला के साथ ठेकेदार समेत पांच लोगों ने गैंगरेप किया था। इससे महिला गर्भवती हो गई। लॉकडाउन खुलने के बाद पति घर पहुंचा, तो महिला ने उसे घटना की जानकारी दी। इसके बाद स्थानीय पुलिस को शिकायत की गई, लेकिन वहां उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई और न कोई कार्यवाही की गई। पिछले दिनों प्रसव के लिये महिला को भोपाल के एक सरकारी अस्पताल लाया गया। यहां डाक्टरों को दुष्कर्म का पता चला, तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने महिला की रिपोर्ट पर आरोपितों के खिलाफ जीरो पर गैंगरेप का मामला दर्ज कर केस डायरी सीहोर भेज दी। इधर, प्रसव के दौरान महिला और नवजात की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, सीहोर जिले के एक गांव में रहने वाली महिला मज़दूरी करती थी। जनवरी 20 में महिला एक ठेकेदार के पास काम करती थी। दस जनवरी को ठेकेदार ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर महिला के साथ गैंगरेप किया था। इससे पीड़िता गर्भवती हो गई। इसी बीच लॉकडाउन लग गया और बाहर मजदूरी के लिए गया महिला का पति घर नहीं जा सका। दो दिन पहले महिला को प्रसव के लिये होशंगाबाद अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी हालत को देखते हुये भोपाल रेफर किया गया।
बीते शुक्रवार की सुबह महिला भोपाल पहुंची और अस्पताल में डाक्टरों से बातचीत के दौरान अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी। अस्पताल से सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और महिला के बयान लेने के बाद आरोपितों के खिलाफ जीरो पर गैंगरेप का मामला दर्ज कर केस डायरी सीहोर भेज दी। इधर बीते शुक्रवार देर रात प्रसव के दौरान महिला की मौत हो गई। उसने एक बच्ची को जन्म दिया था, लेकिन बीते शनिवार दोपहर में उसकी भी मौत हो गई।
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